Book Title: Dharmopadeshmala Vivaran
Author(s): Jinvijay
Publisher: Singhi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai

Previous | Next

Page 15
________________ ६४ विषयाः गाथायाम् तत्र धर्मरुचिनाविकनन्दकथा [ १४४ ] विषयानुक्रमणिका । पृष्ठे | गाथायाम् २११-२१२ ८८ तपः शोषिता अपि कोपपरा मुनयः महानरके व्रजन्ति तत्र करट - कुरुटकथा [ १४५ ] ८९ सम्यग् अनालोचयन् विनाशं व्रजति, गुरोरालोचयन् सुखी भवति तत्र मल्ल-द्वयकथा [ १४६ ] ९० युवा रागरक्तः पुरुषो राजविरुद्ध कारयति, मित्रमपि आपदि प्रक्षिपति तत्र धनमित्रकथा [ १४७ ] ९१ इच्छतोऽपि पुण्य - रहितस्य पूजा न भवति, अनिच्छतोऽपि पुण्यैः पूजा भवति तत्र धर्मघोष - धर्मयशःकथा [ १४८ ] ९२ शुद्धस्वभावे जने चन्द्रस्य धूलि-क्षेपक इव यो दोषं ददाति, तस्यैव पतति Jain Education International तत्र रुद्रकथा [ १४९ ] ९३ यो नैव रागे न च द्वेषे वर्तते; द्वयोर्मध्ये वर्तते स मध्यस्थः तत्र सुव्रतसाधुकथा [ १५० ] ९४ आलोचनापूर्वक्रमाराधकानां सिद्धिः 39 55 मुञ्चन्ति तत्र सङ्गमानुमतिकाकथा [ १५४ ] २१३ ९८ महाव्यसनं प्राप्तो धर्मं सेवेत " "" २१४ " "3 २१५ विषयाः तत्र धृतिमतिकथा [ १५१] ९५ अविधिना श्रामण्यमल्पफलम् तत्र पद्मश्रीकथा [ १५२ ] ९६ सत्वशीलवती अजरामरं स्थानं व्रजति २१९ २१९ तत्र जिनदेवकथा [ १५३ ] ९७ जाति- कुलपरिहीणा गृहीतमपि व्रतं | तत्र तेतलिसुताकथा [ १५५ ] ,, अप्रमादो न मोक्तव्यः तत्र मगधसुन्दरीकथा [ १५६ ] महावीर गणधराणां परिचयः महावीरतीर्थ - श्रुत - स्थविरानुकीर्तनम् ग्रन्थकार गुरुपरम्पराप्रशस्तिः विवरणरचनासमय-राज्य स्थलादि परिशिष्टम् [१] धर्मोपदेशमालाविवरणान्तर्गतोदाहृतपद्यानां 33 २२० | शुद्धिपत्रकम् सूची परिशिष्टम् [२] For Private & Personal Use Only २१९ | धर्मोपदेश मालाविवरण निर्दिष्टानां विशिष्टनाम्नां वर्णक्रमेण सूची पृष्ठे 27 33 २२२ २२२ २२३ "" २२४ " " २२६ २२६-२२७ २२७-२२८ २२८-२२९ २३० २३१-२३३ २३४-२४० www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 ... 296