Book Title: Dharmdravya ka Sanchalan Kaise kare
Author(s): Dharmdhwaj Parivar
Publisher: Dharmdhwaj Parivar

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Page 9
________________ २९. 'अबोट दीया' का शास्त्र में विधान है ? उसकी क्या जरूरत ? ३०. 'अखंड दीपक' का लाभ क्या है ? यह देवद्रव्य से किया जा सकता है ? ३१. देवद्रव्य से बने उपाश्रय आराधना भवन में कौनसी प्रवृत्तियाँ हो सकती है ? ३२. देवद्रव्य से बने उपाश्रय का उपयोग नकरा दे के करें तो चल सकता है ? ३३. वैयावच्च का द्रव्य व्हील चेयर के लिए किया जा सकता है ? ३४. इन्द्रमाला आदि की बोलियां यतियों की परंपरा में शुरु हुई हैं ! क्या यह बात सही है? ३५. देवद्रव्यादि का विनाश होता हो तो साधु को उसे रोकना चाहिए ? ३६. जिनबिंब ज्यादा हों तो आशातना टालने के लिए क्या कर सकते हैं ? ३७. श्रावक संबंधी प्रभु आज्ञाएं कहां से जानें ? ३८. घर-जिनालय में प्रभु की प्रतिमा के साथ में हनुमानजी आदि हों तो दर्शन करें? ३९. घर-जिनालय और संघ-जिनालय में पंखे या ए.सी. मशीन रखे जा सकते हैं ? ४०. चांदी की चौबीसी के भगवान अलग हो गए हैं ! क्या करें ? ४१. भगवान के अंग पर ब्रास पूजा हो सकती है या नहीं ? ४२. तीर्थों में देवलियों के श्रीफल के तोरण शास्त्रीय हैं ? उसका क्या महत्त्व है? ४३. धार्मिक बातों में विवाद करना व उसे कोर्ट तक ले जाना क्या योग्य है ? ४४. बर्ख मांसाहारी चीज़ है, यह बात क्या सत्य है ? ४५. बर्ख परमात्मा की अंगरचना में प्रयुक्त करना क्या आवश्यक है ? ४६. पूजा के कपड़ों में सामायिक हो सकती है ? ४७. फिलहाल पद्मावती पूजन पढ़ाया जाता है सो योग्य है ? ४८. मंदिरों की ध्वजा का रंग किस तरह का रखना चाहिए ? ४९. साधु-संस्था में इलेक्ट्रिक आदि आधुनिक साधन का उपयोग हो तो क्या करें ? VII Jain Education International For Personal & Private Use Only www.ja belibrary.org

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