Book Title: Dharmabhyudaya Mahakavyam
Author(s): Chandanbalashreeji
Publisher: Bhadrankar Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 478
________________ मधुमती परिशिष्टम् [९] इतिहासविदुपयोगिनां विशेषनाम्नामकाराद्यनुक्रमः ॥ [४२३ त्रिभुवनपालविहार [प्रासादः] १३६ | वस्त्रापथ [तीर्थम्] ४०२ देवपत्तन [नगरम्] ३९९ वाग्भट [मन्त्री ] १३६ धर्माभ्युदय [काव्यनाम] ४०५, ४०६ वामनस्थली [ग्रामः] धवलक्कक [नगरम्] ४०० [आचार्यः] वासवमण्डप नरचन्द्र ४ [शत्रुञ्जयस्थो नागेन्द्र [गच्छः ] ५, ४०३ मण्डपः] ३९९ पञ्चम्यादितपः । [तपः] २०९, २१८ विजयसेनसूरि [आचार्यः] ४,६, पञ्चमीतपः ४००, ४०४ पञ्चासर [प्रासादः] ५, ४०४ | विमलगिरि [पर्वतः] १३२, ३९८ पालित्त [नगरम्] ४०१ वीरधवल [राजा] ५, ४०० पालित्तपालित्त [नगरम् ] १३० शत्रुञ्जय [पर्वतः] ११६, ११९, प्राग्वाट [वंशः] १३०, १३२, [नगरी] १३५ ४००, ४०२ मल्लदेव [वस्तुपालभ्राता] ५, ४०३ शान्तिसूरि [आचार्यः] ६, ४०३ महेन्द्रसूरि [आचार्यः] ५, ४०३ शिलादित्य [राजा] १३५ रैवत-क [पर्वतः] ३९९, ४०२ सङ्घपतिचरित [काव्यनाम] ललितसरः [सरः] ४०१ सनाधीश्वरचरित [काव्यनाम] ४०२ लवणप्रसाद [वीरधवलपूर्वजः] ५ सिद्धराज [गुजरेश्वरः] १३६, ४०३ वनराज [गुजरेश्वरः] वनराजविहार [प्रासादः] ४०४ सिद्धसेनदिवाकर [आचार्यः] वलभी [नगरी] सिद्धाधिप [गुर्जरेश्वरः] १३५ वस्तुपाल [मन्त्रीश्वरः]५, १२, ४८, सोम [वस्तु] ७७, १०९, १२१, स्तम्भन [जिनः] ४०० १२९, १३७, २०६, २२५, २५३, ३१६, हरिभद्रसूरि [याकिनीसूनुः आचार्यः] ४, ६, ४०३ ३३५, ३७०, ३९७, ४०१, ४०६ | हेमसूरि [आचार्यः]

Loading...

Page Navigation
1 ... 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515