Book Title: Dharmabhyudaya Mahakavyam
Author(s): Chandanbalashreeji
Publisher: Bhadrankar Prakashan
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३८
३५७
३११
४४
४२८]
[सङ्घपतिचरितापरनामकं धर्माभ्युदयमहाकाव्यम् कोशला [वनम्] ३०६ | गन्धार[ देशः]
३८ कौमोदकी [गदा] ३३४ | गन्धार [ राजपुत्रः]
३५६ कौरव | [कुरुपुत्राः] ३५४, ३६०, गन्धिल [विजयः] कौरव्य | ३६१, ३६६ | गरुड [चिह्नम्]
३३४ क्रोष्टकिः [ नैमित्तिकः] २५६, ३२४, ३३१, | गरुडकेतन [राजा]
३३७ ३३२, ३३३, ३५५ | गरुडध्वज [ राजा]
३५७, ३७२ क्षारवारिधि [वारिधिः]
२६५ गरुडव्यूह [ व्यूहनाम] क्षितिप्रतिष्ठित [ नगरम्] १३, ३८, ४४ | गाण्डीव [ धनुः]
३६० क्षीरदण्डीर [ दम्पती] ३११ | गारुड [अस्त्रम्]
३६७ क्षीरदण्डीर [ देवजीवः] ३१२ गिरिकूट [ कूटः]
२६४ क्षीरदण्डीरा [ देवीजीवः]
गुणधर[ राजपुत्रः-आचार्यः] २५१, २५२ क्षीरवारिधि[समुद्रः] १२३ | गुणवती [ श्रेष्ठिप्रिया]
१६३ क्षुद्रहिम । [अद्रिः ] ५७, ८५ | गुणाकर [ श्रेष्ठिपुत्रः] क्षुद्रहिमालय ।
गूर्जरत्रा [ जनपदः]
१३५ क्षेमङ्कर [ नृपः]
१९, २३ | गोपालगुर्जरी [ रासकप्रकारः] ३२४ [ख]
गोपीधव [गोपीपतिः] खण्डप्रपाता [गुफा]
गोमुख [यक्षः]
७७ [ग]
गोविन्द [ कृष्णवासुदेवः] ३२४, ३२६, गगनवल्लभ [पुरम्] १७८, २२१
३२७, ३२९, ३३६, गङ्गदत्त । [श्रेष्ठिपुत्रः] ३१७, ३१८,
३४०, ३४९, ३६६, गङ्गदत्तक
३२१
३६८, ३६९, ३७०, गङ्गा [ देवी]
३८१ गङ्गा [ नदी]
५०, ८७, १६२,
गोव्रतम् [व्रतम्] २१०, २११, २१२,
गौड [ राजा] २१४, ३१२, ३८५
गौतम [गणधरः] गङ्गिल [श्राद्धः]
३४४
गौरी [विद्या] गज [देवकीपुत्रः] ३८१, ३८२
[घ] गजसुकुमाल ।
घनवाहन [ नृपतिः]
२५, ३६ गजपुर[नगरम्]
[च] गजेन्द्रपद [ कुण्डम्]
३९९ चक्रपुर [पुरम्] २३३, २३४, २३६ गन्धर्वसेना [वणिक्सुता] २६०, २६१ चक्रव्यूह [ व्यूहनाम] ३५६, ३५७, ३५८ गन्धर्वसेना [ विद्याधरराजपुत्री] २६५, २६६ चक्षुःकान्ता [ कुलकरी] गन्धसमृद्धक [पुरम्]
३८ | चक्षुष्मान् [ कुलकरः]
३४९
८७
८७
३२२
२०९

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