Book Title: Dharmabhyudaya Mahakavyam
Author(s): Chandanbalashreeji
Publisher: Bhadrankar Prakashan
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१८८
२६७
३६२
परिशिष्टम् [ १०] धर्माभ्युदयमहाकाव्यान्तर्गतविशेषनाम्नामकाराद्यनुक्रमः ॥ [४२९ चण्डप [वस्तुपालपितामहपितामहः] ५ | जम्बू [श्रेष्ठिपुत्र:- १४५, १४६, चण्डप्रसादः [वस्तुपालप्रपितामहः] ५
मुनिः] १४७, १४८, १४९, चतुरिका [चेटी]
१९९, २०१ जम्बूस्वामिन् | १५१, १५८, १५०, चन्दनदान [श्रेष्ठी]
१६३, १६६, १७८, १८५, चन्द्रकान्ता [राज्ञी]
३८
१९०, १९२, १९९, २०२, चन्द्रकान्ता [कुलकरी]
२०३, २०४, २०५, २०६ चन्द्रमती [ राजपुत्री]
जम्बूद्वीप [द्वीपः] ४४, ४९, ५०, २२६, चन्द्रयशस् [ कुलकरी]
३०९, ३४१, ३४२ चन्द्रयशस् [राज्ञी]
२९८, ३००, जम्भारि[ दैत्यशत्रुः]
३६७ ३०१, ३०२
जयद्रथ [ राजा] चन्द्रशिशिरा [ नदी]
जयन्ती [दिक्कुमारी] चन्द्रशेखर [ राजा]
२७८
जयन्ती [पुरी] चन्द्रहास [खेचरः]
जयपुर [ नगरम्]
१४९ चन्द्रापीड [?]
२७०
जयश्री [ जम्बूपत्नी] १४६, १४५ चन्द्राभा [राज्ञी]
जयश्री [श्रेष्ठिनी]
१४६ ३४१, ३४२ चपलगति [ राजपुत्रः]
२३७
जयसेन [ नृपः] जयसेना [ श्रेष्ठिनी]
१४६ चम्पक [इभः]
३२५, ३२९ जरा [ जराकुमारमाता]
३१३ चम्पा [पुरी] २०४, २०५, २५०,
जराकुमार | [ राजपुत्रः] ३१३, ३९३, २५१, २५९ जरापुत्र
३९५, ३९६ चाणूर [ मल्लः ]
३२५, ३२६,
जरासुत ३२९, ३३०
जरासूनु चारुदत्त [ वणिक्] २६०, २६५
जरासन्ध [ प्रतिवासुदेवः] २५५, २५६, चित्रकनका [ दिक्कुमारी] चित्रगति [विद्याधरः] २३२, २३३, २३४,
२५७, ३१३, ३१४, ३१५,
३३०, ३३१, ३३२, ३५४, २३५, २३६, २३७,
३५५, ३५६, ३६४, ३६५
जलावर्त [ पल्वलः] २५८, २५९ चित्रगुप्ता [दिक्कुमारी]
जवन [युवराजः]
३६५ चित्रा [ दिक्कुमारी]
जाम्बवती [राज्ञी]
३५०, ३५२ चौलुक्य [वंशः]
जाम्बवतेय [ जाम्बवतीपुत्रः] ३५४ [ज] जावड [श्रेष्ठी]
१३५ जनानन्द [पुरम्] २४३ जाह्नवी [ नदी]
१६० जनार्दन [वासुदेवः] ३२६, ३३७, ३३८, जितशत्रु [ नृपः] १८५, १८६, १८७, १८८ ३३९, ३६४, ३७१, ३८५ |
२४३, २४६, ३५३

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