Book Title: Dhamma Kaha
Author(s): Pranamyasagar
Publisher: Akalankdev Jain Vidya Shodhalay Samiti

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Page 118
________________ धम्मकहा ee117 सवौषधिऋद्धि कथा ९ कथा १३ अस्पर्श सावधाण आरोग्ग अरण्ण कथा १४ सव्वोसहरिद्धि अफासिज्ज सिसमारतडाग तदाणि जलदेवदा दुंदभिसद साहुकार संकप्पिय वावार कुंडुबि समाहाण सपह सग्गकण्णा पइप्पिया णिक्कीलिद कुरवंस सेणावइ एक्कसियं जिणालय सयंवर कथा १० सावधान आरोग्य अरण्य काष्ठ दुर्गति कटारि पास जलयान अतिविश्वास द्यूतक्रीड़ा अंगूठी गोबर दुग्गदि कडारि समया जलयाण अतिवीसास धूदकीडा अंगुलीय गोमय कुपित शिशुमार तालाब उस समय जल देवता दुदभि शब्द साधुकार संकल्पित व्यापार कुटुम्बी समाधान शपथ स्वर्ग कन्या प्रतिप्रिया निष्कीलित कुरुवंश सेनापति एक बार जिनालय स्वयंवर युद्ध विचलित प्रशंसा वस्त्राभूषण कुटिल कथा १५ १२ कुविद अगंधणजादि भज्जा पंचग्गितव लूडकज्ज कहाणय तित्थजत्ता सिलोग रत्तंध कलत्त सस्स रजिया अगंधनजाति भर्या पंचाग्नि तप लूट कार्य कथानक तीर्थयात्रा श्लोक रात्रि में अंधा कथा १६ वियलिय पसंसण वत्थाभूसण कुडला गोखुर सच्छंद गोधण सासु धोबिन गोपाल नवनीत कथा १३ गोवाल कथा १७ गोखुर णवणीद संथर संवाहण स्वच्छंदता गोधन बिस्तर दबाना

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