Book Title: Dhamma Kaha
Author(s): Pranamyasagar
Publisher: Akalankdev Jain Vidya Shodhalay Samiti

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Page 116
________________ धम्मकहाee 115 कथा ६ कथा १ गिहरक्ख तक्कर समक्ख मत्थय चंडाल पुष्फमाला खीररुक्खं मसाणवेरग्गं कथा २ गाण कथा ३ किण्हपक्ख मसाण आगास अकिट्टिमजिणालयविजयड्डपव्वद - पण्णलहुविज्जा - राया अतिहि चउक्क साविगा णिब्बिदिगिंछागुण - विकिरियारिद्धी - गलिदकुट्ठ गिहंगण पडिग्गहिद णवहा परिचरिया भत्ति उच्चसर खुल्लय महावराह सम्माट्ठिी जिणधम्मालु - उज्जाण सेट्टिणी शब्दकोश प्रथम-खण्ड कृष्णपक्ष श्मशान आकाश अकृत्रिमजिनायल विजयार्द्ध पर्वत पर्णलघुविद्या राजा अतिथि चौक श्राविका निर्विचिकित्सागुण विक्रिया ऋद्धि गलितकुष्ठ गृह-आंगन पडगाहन नवधा परिचर्या भक्ति उच्च स्वर क्षुल्लक महातपस्वी सम्यग्दृष्टि जिनधर्मालु उद्यान सेठानी गृहरक्षक तस्कर चोर समक्ष मस्तक चाण्डाल पुष्पमाला क्षीरवृक्ष श्मशान वैराग्य गाना गीत उत्कंठित माता आसन अन्तःपुर युवराजपद परमार्थ तप मगधसुंदरी एक बार परस्पर वार्तालाप नागरिकजन पूजासामग्री नग्नसाधु प्रत्येक वंदना आशीर्वाद अत्यंत निस्पृह प्रस्थान समय कथा ७ उक्कंठिद माअर आसण अंदेडर जुवरायपद परमट्ठतव मगहसुंदरी एयस्सिं परोप्पर वत्तालाव णायरियजण पूजासामग्गि णग्गसाहु पत्तेय वंदणा आसीवाद अच्चंतिणिप्पहा पट्ठाणसम उदर : : : कथा ५ : : : : कथा ६ : : : पेट :

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