Book Title: Dhamma Kaha
Author(s): Pranamyasagar
Publisher: Akalankdev Jain Vidya Shodhalay Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 121
________________ धम्मकहा ee 120 - कथा १३ - करणाणुओग चरणाणुओग दव्वाणुओग विहजण णारायण पडिणारायण बलदेव सलागापुरिस पडिकमण पच्चक्खाण पुह-पुह करणानुयोग चरणानुयोग द्रव्यानुयोग विभाजन नारायण प्रतिनारायण बलदेव शलाकापुरुष प्रतिक्रमण प्रत्याख्यान पृथक-पृथक कथा १४ थुदी स्तुति जयउ सुय देवदा - उदंतुरिया काणि णक्खत्त एक्कारसी संख दव्वपमाणाणुगम - धवलाटीया महाधवलाटीका - बहुसुदभत्ति णियमसार - समयपाहुड पंचत्थिकाअ अट्ठपाहुड भत्तिसंगह सव्वट्ठसिद्धी जिणिंदवायरण - समाहित इट्ठोवएस भारदी सरस्सई सुयदेवदा णाणदेवदा धम्म अधम्म आयास काल पढमाणुओग - श्रुतदेवता जयवंत हो दांत बाहर निकली कानी नक्षत्र एकादशी शंख द्रव्यप्रमाणानुगम धवलाटीका महाधवलाटीका बहुश्रुतभक्ति नियमसार समयपाहुड़ पंचास्तिकाय अष्टपाहुड़ भक्तिसंग्रह सर्वार्थसिद्धि जैनेन्द्रव्याकरण समाधितंत्र इष्टोपदेश भारती सरस्वती श्रुतदेवता ज्ञानदेवता धर्म अधर्म आकाश काल प्रथमानुयोग कथा १५ पाढण लोइयववहार णेमित्तिय पहाव जिणतित्थ पुणुरुद्धार णिम्मावण धम्मसंसकिय सोरसेणजणवद - पाइयभासा अणेयंतधम्मजुद - सादवाद साहम्मि विस्सकल्लाण - पढ़ाना लोकव्यवहार निमित्तिक प्रभाव जिनेन्द्र के तीर्थ पुनः उद्धार नव तीर्थों का निर्माण धर्मसंस्कृति शोरसेन जनपद प्राकृतभाषा अनंकान्त धर्म युक्त स्याद्वाद कथा १३ साधर्मी कथा १६ विश्वकल्याण

Loading...

Page Navigation
1 ... 119 120 121 122