Book Title: Devidas Vilas
Author(s): Vidyavati Jain
Publisher: Ganeshprasad Varni Digambar Jain Sansthan
View full book text
________________
३३८
देवीदास-विलास अलप-थौड़ा (परमा. ३०।२) असर्फी-अशरफी, मध्यकालीन सोने का अली- सखी; भौंरा (पंचवरन. २।४)
सिक्का (सप्त. ५।१) अलीक-झूठा (वीत. ३।२)
असरारि-निरन्तर; लगातार (देव. १७) अलोकाकास- अलोकाकाश(वीत. १६।४) असाढ़- आषाढ़ (मास) (आदि. ४४) अव्यय- शाश्वत (पंच. १२।५) असि-तलवार (चक्र. १८११) अव्वय- अविनश्वर; अखण्डित (दरसन. असोक-अशोक वृक्ष (पंचवरन. ४।३)
३।३) अहलाद-आह्लाद; (दरसन. १।५) अवगाढ़- डूबा हआ (दसधा. २१५) अहि-सर्प (बुद्धि. ४०।१) अवधरत-- अवधारण; धारण करना (पंच. अहोर-आभा; प्रभा (पद. १८१७)
११।५) आउ- आयु; जीवन (पंच. २५।५) अवधार- धारण करना (स्वजोग. ३।१) आक- अर्क वृक्ष (धर्म. ८।२) अवय- पूर्ण रूप से (पंच. ५।५) आखा- अक्षय; अच्छा (राग. ४।४) अवर- अन्य; दूसरा (शीलांग ७।५) आखेटी- शिकारी (राग. १०।६) अवर-और (नमि. ५)
आचरज- आचार्य (पंच. १।३) अवलाध- अपराध (जिनांत. २४।२) आचरौ– आचरण करना (धर्म. २२।२) अवांइ-अटपट शब्द, निरर्थक बातें (तीन आजोध्या- अयोध्यानगर (सुमति. जयमाल.
मूढ़. ८।२) अविचल-अचल; स्थिर (पंच. २५।५) आदरौ– आदर (धर्मनाथ. ५।९) अवीचार- अविचार (तीनमूढ. २३।२) आनत- आनत (स्वर्ग) (अजित. ४७) अवीध- अखण्ड (कुंथ. ४४) आनि-प्रतिष्ठा (राग. ७१७) अश्वसेन- अश्वसेन (राजा, पार्श्वनाथ के आभ्यितर-आभ्यन्तर (पंच. १८।५)
पिता) (पार्श्व. २९) आयु-आयु (नामका कर्म) (शान्ति. १९) अश्विन- आश्विन (नक्षत्र) (नमि. ३२) आयोध- अयोध्या नगर(आदि. जयमाल.५) असी-स्वर्ण मुद्रा (सप्त. ५।१). आरज- श्रेष्ठ; उत्तम (पंच. १३।४) । असलोक- श्लोक (परमा. १।३०) आरजखंड- आर्यखण्ड (चक्र. १०।९) असोक- अशोक वृक्ष (मल्लि. ४६) आरण- आरण (स्वर्ग) (पुष्प. ४६) अस्तुति- स्तुति (परमा. २८।१) आराधि-आराध्य, पूजित (पंच. १८१२) अस्त्री- स्त्री (जीवचतु. २५।१) आर्गल-बन्धन; प्रतिबन्ध (ग्र. प्र.) अस्तिकाइ-अस्तिकाय (वीत. २११२) आलय-गृह; भवन (अजित. १८) अस- अस (यक्ष) (शान्ति. ८०) आव- आयु (मारीच. १४।७) असन- भोजन (बुद्धि. ४३११) आवध- आयुध (चक्र. ३३) असपरसो-- बिना छुआ हुआ; पवित्र आश्रव- आश्रव तत्व (दसधा. ९।१) (शीतल. २०) आसी- आसीविष (सर्पविष) (बुद्धि.
३९।६)
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394