Book Title: Devgadh ki Jain Kala Author(s): Bhagchandra Jain Bhaskar Publisher: Bharatiya Gyanpith View full book textPage 2
________________ देवगढ़ की जैन कला 'देवगढ़ की जैन कला' ख्यातिप्राप्त पुरातत्त्वविद् प्रोफेसर कृष्णदत्त वाजपेयी के निर्देशन में डॉ. भागचन्द्र जैन 'भागेन्दु' द्वारा लिखा गया शोधप्रबन्ध है। इसमें देवगढ़ में उपलब्ध सम्पूर्ण जैन सामग्री का अखिल भारतीय कला. स्थापत्य और संस्कृति के व्यापक परिप्रेक्ष्य में न केवल अध्ययन हुआ है, प्रत्युत पुरातात्त्विक और साहित्यिक साक्ष्यों एवं अनुश्रुतियों के सन्दर्भ में समीक्षात्मक पद्धति से परीक्षण भी किया गया है। देवगढ़ के सम्बन्ध में भारतीय एवं पाश्चात्य अनेक अन्वेषकों तथा पुरातत्त्वविदों ने बहुत कुछ लिखा है किन्तु डॉ. 'भागेन्दु' ने जिन मौलिक मान्यताओं को प्रतिष्ठापित किया है, वे सर्वथा नवीन हैं। विस्तृत ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, सांस्कृतिक महत्त्व, वास्तु एवं मूर्ति-शिल्प के सांगोपांग विवेचन से संवलित यह ग्रन्थ अध्येताओं, अनुसन्धित्सुओं तथा कलाप्रेमियों के लिए अत्यन्त उपयोगी है। कहना न होगा कि जैनधर्म, दर्शन एवं कला के ज्ञान के साथ ही यह तत्कालीन संस्कृति का प्रामाणिक दस्तावेज़ भी है। ग्रन्थ के अन्त में सन्निविष्ट परिशिष्टों, 123 चित्रों तथा विशिष्ट जैन अभिलेखों के मूलपाठ से इसकी उपयोगिता और भी बढ़ गयी है। प्रस्तुत है कृति का यह नया संस्करण नये रूपाकार में। Jain Education International For Private & Personal usenly www.jainelibrary.orgPage Navigation
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