Book Title: Descriptive Catalogue of Sanskrit Manuscripts in Trivandrum
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Page 382
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir BANSKRIT MANUSCRIPTS, 303 भाववलम्। No. 172. BHAGAVATA M. C.O. L. No. 2351, Substance-Palm leaf. Size-14" x 13". Pages-225. About 7 lines per page and. 52 letters per line, Script-Malayalam. No. of Granthas -5100, . Owner-Narayanan Vasudevan Namjuri, Vaikom, Subject-Exposition of the doctrines relating to Visnu and His incarnations. Beginning: हरिः / श्रीगणपतये नमः / कारणं सम्पदामापद्वारणं वारणाननम् / बोभवीतु परं तेजः श्रेयसे भूयसे मम // जन्माद्यस्य यतोऽन्वयादितरतश्चार्थेष्यभिज्ञः स्वराष्ट्र तेने ब्रह्म हृदा य आदिकवये मुह्यन्ति यत् सूरयः / तेजोवारिमृदां यथा विनिमयो यत्र त्रिसगो मृषा . . धाम्ना स्वेन सदा निरस्तकुहकं सत्यं परं धीमहि / धर्मः प्रोज्झितकैतवोऽत्र परमो निर्मत्सराणां सतां वेद्यं वास्तवमत्र वस्तु शिवदं तापत्रयोन्मूलनम् / श्रीमद्भागवते महामुनिकृते किंवा परैरीश्वरः / __सद्यो हृद्यवरुध्यतेऽत्र कृतिभिः शुश्रूषुभिस्तत्क्षणात् // निगमकल्पतरोगलितं फलं शुकमुखादमृतद्रवसंयुतम् / पिवत भागवतं रसमालयं मुहुरही रसिका भुवि भावुकाः / / सूत:-- यं प्रव्रजन्तमनुषेतमजकत्वं द्वैपायको विरहानपर आसान। For Private and Personal Use Only

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