Book Title: Chaturvinshati Stotra
Author(s): Mahavirkirti
Publisher: Digambar Jain Vijaya Granth Prakashan Samiti
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चतुर्विशति स्तोत्र
टीका कत्री की प्रशस्ति
श्री मूल संधे सरस्वति गच्छे बलात्कारगणे कुंदकुंदाचार्याम्नोबपरंपरायां श्री १०८ मुनि कुंजर समाधि सम्राट, कलिकाल तीर्थकर, चारित्र चक्रवर्ती आत्ता आदिमागण्य अंकलीकरण रझा, म.त्म योगी सम्राट. तीर्थ क्षेत्र भक्त शिरोमणी, सर्व सिद्धान्तपारज्ञ, अष्टादश भाषा भाषी , यंत्रमंत्र तंत्रज्ञ आचार्य महावीर कीर्तेः संघस्था कलिकाल सर्वज्ञ, श्री १०८ आचार्य विमलसागरस्य शिष्या श्री १०५ प्रथम गणिनि आर्यका विजयमति
आचार्यमहावीरकीर्ती प्रतिपादित चतुर्विंशति स्त्रोत्र टीका वीर निर्वाणसंवत् २५२६ तिथी कार्तिक शुक्ला तृतीयां गुरुवासरे चंपापुरे वासुपूज्य तीर्थंकर पूज्यपादमूले परिसमाप्ता दिनांक ११ नवम्बर ईश्वी सन् १९९० ।।इति शुभंभूयात् || भद्रभूयात् ।। कल्याणं भवतु ||
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