Book Title: Chandravyakaranam
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
View full book text
________________ धातु० 418 घुण-४७३ घुषिर् ] चान्द्रव्याकरणम् [113 418 घुण घूर्ण भ्रमणे / (464, 465) 444 भिक्ष याञ्चायाम् / (637) 416 पन स्तुतौ / (467) 445 क्लेश बाधने / (638) 420 पण व्यवहारे / (466) 446 दक्ष वृद्धौ / (636) 421 भाम क्रोधे / (468) 447 दीक्ष मौण्डये / (640) 422 क्षमूष् सहने / (466) 448 ईक्ष दर्शने / (641) 423 कमु कान्तौ / (470) 446 ईष गतौ / (642) 424 अय वय मय चय तय णय रय 450 भाष वचने / (643) गतौ / (503, 504, 506- 451 स्पर्श स्नेहने / . 506, 511) 452 ग्लेष अन्विच्छायाम् / (645) 425 दय रक्षणे / (510) 453 येष प्रयत्ने / 426 ऊयी तन्तुसंताने / (512) 454 जेष णेष एष हेष गतौ / (647427 पूयी विशरणे / (513) 650) 428 क्नूयी शब्दे / (514) 455 रेष अव्यक्ते शब्दे / (651) 426 क्ष्मायी विधूनने / (515) / 456 काश भासृ दीप्तौ / (678,655) 430 स्फायी औप्यायी वृद्धौ / 457 कासृ णासृ रासृ हेसृ शब्दे / / (516, 517) (654, 656, 657, 652) 431 ताय संताने / (518) 458 णस कौटिल्ये / (658) 432 शंल चलने / (516) 456 भ्यस भये / (656) 433 वल संवरणे / (520) 460 आङः शन्सु इच्छायाम् (660) 434 मल मल्ल धारणे / (522, 523) 461 ग्रसु ग्लसु अदने / (661, 662) 435 भल भल्ल परिभाषणे / 462 ईह चेष्टायाम् / (663) (524, 525) 463 बहि महि वृद्धौ / (664, 665) 436 कल संख्याने / (526) 464 अहि गतौ / (666) 437 कल्ल अव्यक्ते शब्दे / (527) 465 गर्ह गल्ह कुत्सने / (667, 668) 438 तेव देव देवने / (528, 526) 466 बर्ह बल्ह प्राधान्ये / (666, 670) 436 षेव शेव केवृ गेवृ ग्लेवृ पेव मेवृ 467 प्लीह गतौ / म्लेव सेवने / (530, 536,536, 468 वेह जेह बाह प्रयत्ने / (674-676) 531-535) 466 द्राहृ निद्राक्षये / (677) 440 रेव प्लवगतौ / (540) 470 ऊह वितर्के / (679) 441 धुक्ष धिक्ष संदीपने / (633,634) 471 गाहू विलोडने / (680) 442 वृक्ष वरणे / (635) 472 गृहू ग्रहणे (681) 443 शिक्ष विद्योपादाने / (636) 473 घुषिर् करणे /
![](https://s3.us-east-2.wasabisys.com/jainqq-hq/93e6da6d085bda1a09a63ac06a610a23f3d91403bbb0096e5d33c66282c2d29d.jpg)
Page Navigation
1 ... 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270