Book Title: Chandravyakaranam
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur

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Page 266
________________ 25. श्री भुवनेश्वरीमहास्तोत्रम्, (ग्र० 54), पृथ्वीधराचार्य विरचित, कवि पद्मनाभ प्रणीत भाष्यान्वित, पूजा-पञ्चाङ्गादि संवलित; संपादक - श्री गोपालनारायण बहुरा (1+ 169), 1960 ई० / ___ मू. 3.75 26. रत्नपरीक्षादि सप्तग्रन्थ संग्रह, (60) दिल्ली-सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के मुद्राधीक्षक ठक्कूर फेरू विरचित, मध्यकालीन भारत की आर्थिक दशा एवं रत्नपरीक्षादि वस्तुजातसंग्रहादिक विषयों पर विस्तृत विवेचनात्मक ग्रन्थ; संपादक - पद्मश्री मुनि जिनविजय पुरातत्त्वाचार्य। __ मू. 6.25 27. स्वयम्भूछन्व, (ग्र० 37) कवि स्वयम्भू कृत, दसवीं शताब्दी में रचित प्राकृत एवं अप भ्रंश छन्दःशास्त्र पर अलभ्य कृति; संम्पा० प्रो. एच०डी० वेलणकर (25+244) 1962 ई० / मू. 7.75 28. वृत्तजातिसमुच्चय, (ग्र० 61), कवि विरहाङ्क कृत, ७वीं शताब्दी में प्रणीत संस्कृत एवं प्राकृत छन्दःशास्त्र पर अलभ्य कृति; संपादक प्रो० एच. डी. गेलणकर (32+ 144), 1962 ई०। . - मू. 5.25 29. कविवर्पण, (ग्र०६२), प्रज्ञातकर्तृक, १३वीं शताब्दी में रचित प्राकृत-संस्कृत छन्दः शास्त्र पर अनुपम कृति; संपादक - प्रो० एच. डी. वेलणकर (52+356), - 1962 ई० / मू. 6.00 30. वृत्तमुक्तावली, (म०६६), कविकलानिधि श्रीकृष्ण भट्ट प्रणीत, नैदिक एवं संस्कृत छन्दःशास्त्र पर दुर्लभ कृति; संपादक - स्व० पं० श्री मथुरानाथ भट्ट (17+76) 1963 ई० / 31. कर्णामृतप्रपा, (ग्र० 2) सोमेश्वर भट्ट कृत (१३वीं शताब्दी) मध्यकालीन संस्कृत-काव्य संग्रह, जैसलमेर के जैन-भंडारों से प्राप्त अलभ्य प्रति के आधार पर; संपादक - पद्मश्री मुनि जिनविजय, पुरातत्त्वाचार्य; (10+56),1963 ई०। मू. 2.25 32. पदार्थ रत्नमञ्जूषा, (ग्र. 38), श्रीकृष्णमिश्र प्रणीत दर्शनशास्त्र की वैशेषिक शाखा पर आधारित, जैसलमेर के जैन-भंडारों से प्राप्त प्राचीन प्रति के आधार पर संपादित; संपादक - पद्मश्री मुनि जिनविजय, पुरातत्त्वाचार्य; प्रस्तावना- श्री दलसुख मालवणिया / (7+45) 1963, ई० / मू 3.75 33. त्रिपुराभारती-लघु-स्तष, (ग्र० 1), लघ्वाचार्य प्रणीत वागीश्वरी स्तोत्र, सोमतिलक सूरि (1340 ई०) कृत टीका सहित; संपादक-पद्मश्री मुनि जिनविजय, पुरातत्त्वाचार्य (10+56) ई० 1952 ई० / मू. 3.25 34. प्राकृतानन्द, (ग्रं० 10). रघुनाथ कवि कृत प्राकृत भाषा व्याकरण संबंधी महत्त्वपूर्ण रचना; संपादक - पद्मश्री मुनि जिनविजय, पुरातत्त्वाचार्य (17+52+53+76) 1962 ई०। . मू. 4.25 25. इन्द्रप्रस्थ-प्रबन्ध, (प्र. 70), प्रज्ञात कर्तृक, दिल्ली के प्रारम्भिक शासकों के विषय में ऐतिहासिक काव्य; संपादक - डा० दशरथ शर्मा (+46) 1963 ई० / मू. 2.25

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