Book Title: Chandravyakaranam
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur

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Page 264
________________ राजस्थान पुरातन ग्रन्थमाला प्रधान सम्पादक-पद्मश्री मुनि जिनविजय, पुरातत्त्वाचार्य प्रकाशित-ग्रन्थ (क) संस्कृत-प्राकृत 1. प्रमाणमञ्जरी (ग्रन्थाङ्क 4), तार्किक चूड़ामरिण सर्वदेवाचार्यकृत; अद्वयारण्य, बलभद्र, वामनभट्ट कृत टीकात्रयोपेत; सम्पादक - मीमांसान्यायकेसरी पं० पट्टाभिराम शास्त्री, विद्यासागर (7+106), 1953 ई० / 2. यन्त्रराज-रचना (ग्रन्थाङ्क 5), महाराजा सवाई जयसिंह कारित; संपादक - स्व० - पं० केदारनाथ ज्योतिविद् (+28), 1953 ई० / मू. 1.75 3. महषिकुलवैभवम्, भाग 1 (ग्रन्थाङ्क 6) स्व० पं० मधुसूदन अोझा प्रणीत, म.म.पं. गिरिधर शर्मा चतुर्वेदी द्वारा सम्पादित एवं हिन्दी व्याख्या सहित (56+291), 1956 ई० / मू. 10.75 4. महर्षिकुलवैभवम् (मूलमात्र) (ग्रन्थाङ्क 56), स्व. पं० मधुसूदन ओझा-प्रणीत, - संपादक -पं० प्रद्युम्न प्रोझा (16+133+10), 1961 ई० / मू. 4.00 5. तर्कसंग्रह, अनंभट्टकृत (ग्रं०६) टीकाकार-क्षमाकल्याणगणि; संपादक - डा. जितेंद्र . जेटली, (17+74), 1956 ई०। . मू. 3.00 6. कारकसंबंधोद्योत, (ग्र० 10) पं० रमसनन्दीकृत; कातन्त्रव्याकरणपरक रचना; - संपादक - डा. हरिप्रसाद शास्त्री (22+34), 1956 ई० / मू. 1.75 7. वृत्तिदीपिका (ग्र० 7) मोनिकृष्ण भट्टकृत; संपादक - स्व. पं. पुरुषोत्तमशर्मा चतुर्वेदी, साहित्याचार्य (6+44+12), 1956 ई०। मू. 2.00 8. कृष्णगीति (ग्र० 16) कवि सोमनाथ विरचित, राधाकृष्ण सम्बन्धी प्रेमकाव्य; ______ संपादिका - डॉ० कु. प्रियबाला शाह (27+32), 1956 / मू. 1.75 6. शब्दरत्नप्रदीप (ग्र० 19), अज्ञातकर्तृक, बह्वर्थक शब्दकोश संपादक डॉ० हरिप्रसाद शास्त्री (12+44), 1956 ई० / मू. 2.00 10. नृत्तसंग्रह (ग्र० 17), प्रज्ञातकर्तृक; संपादिका - डॉ० कु. प्रियबाला शाह (6+45) मू. 1.75 11. भृङ्गारहारावली (ग्र० 15), श्री हर्षकवि विरचित संस्कृत-गीतकाव्य ; संपादिका - डॉ० कु. प्रियबाला शाह (10+2) 1956 ई० / मू. 2.75

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