Book Title: Caurasi Bol
Author(s): Padmanabh S Jaini
Publisher: Siddhantacharya Pt Fulchandra Shastri Foundation Roorkee
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चौपइ
जौ नारीकौं जनपद मानौ
तौ ताकी प्रतिमा करि जानौ ।
पुरूष आकार एक ही बंदौ
नारी रूप क्यौं न अभिनंदौ । । ५६ ।। जौ नितंबिनी बन सोहै
कचरूपादिक मंडित हो है ।
तौ लज्जा करि कामिनी रूपी
क्यौं करि जिनवर होहि अनूखी । । ५७ ।।
दोहरा
जाके दरसन परसत रागादिक मिटि जाइ । तिस नररूपी ईसकौं
नवाइ ।। ५८ ।।
चौपड़
कहै युगल हरिखेत निवासी
काहू देव हस्यौ सविलासी । पूरब बैर जानि दुख दीनौ
सोइ भरतखंड फिरि आन्यौ
अवगाहन करि छायौ कीनौ । । ५६ ।।
मथुरानगर राज दे मान्यौ । पापी करि तिनि मांस खवायौ
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नरक नगर के पंथ चलायौ । । ६० ।। तिसके कुलि हरिवंस बखानै
सत्यारथ उपदेस न मानै । जुगल सर्व ही सुरगतिगामी
वंदौ सीस
दोइ कोस की तिसकी काया
नरक न सेवहि तिरियु परिणामी ||६१ |
सुरक्यौं करि लघु रूप बनाया।
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