Book Title: Bhavbhavna Prakaranam
Author(s): Hemchandracharya, Vairagyarativijay
Publisher: Shrutbhuvan Sansodhan Kendra
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परिशिष्ट २
२०१
३७२ पू. ३६४ पू ३७४
१९ उ ३३० पू. २६१ उ. २७२ पू. २६३ पू.
२५२ पू.
२०० उ. २३३ उ.
३
गंतुं ववसायसभाए वायए रयणपोत्थयं तत्तो। गंतूण चुल्लहिमवंतसिहरिपमुहेसु कुलगिरिंदेसु। गंतूण सुहम्मसभं, तत्तो अच्चइ जिणिंदसगहाओ। गंधव्वपुरवराइं, तो तुह रिद्धी वि होज्ज थिरा। गंभीरखाइयापरिगयाइं किंकरगणेहिं गुत्ताई। गब्भगओ वसइ जिओ, अद्धमहोरत्तमन्नं च। गब्भदुहाई दटुं, जाईसरणेण नायसुरजम्मो। गब्भाउ वि काऊणं, संगामाईणि गरुयपावाई। गब्भे बालत्तणयम्मि जोव्वणे तह य वुड्ढभावम्मि। गरुयं पि हु वहइ भरं, करहो नियकम्मदोसेण। गलए विद्धो सत्थेण छिंदिउं भुंजिउं भुत्तो। गलयं छेत्तूणं कत्तियाइ उल्लंबिऊण पाणेहिं। गहिऊण सवणमुच्छालिऊण वामाओ दाहिणगयम्मि। गहिओ खरनहरबिडालियाए आयड्ढिऊण कंठम्मि। गहियं जेहि चरित्तं, जलं व तिसिएहि गिम्हपहिएहिं। गिण्हंति वट्टवेयड्ढसेलसिहरेसु चउसु एमेव। गिण्हंति सलिलमट्टियमंतरनइसलिलमेव उवणेति। गिण्हतेण अवण्णं, मूढेणं नासिओ अप्पा। गिम्हम्मि मरुत्थलवालयास जलणोसिणास खप्पंतो। गिम्हे कंताराइसु, तिसिओ माइण्हियाइ हीरंतो। गुणकारयाइ धणियं, धिइरज्जुनियंतियाइं तुह जीव !। गुरुदेवाणुवहासो, विहिया आसायणा वयं भग्गं। गुरुयाणं पि हु बलमाणखंडणं कुणइ वुड्ढत्ते। गोला होति असंखा, होति निगोया असंखया गोले। गोवंति पलियवलिगंडकूवे नियजम्ममाईणि। घररज्जकप्पणाहि य, बाला कीलंति तुट्ठमणा। घररज्जविहवसयणाइएसु रमिण पंच दियहाई। घेत्तु तुह चम्ममंसं, अणंतसो विक्कियं तत्थ। घेत्तूण जंति खीरोयहिम्मि तह पुक्खरोयजलहिम्मि।
२२१ पू २४१ पू. ४९८ पू. ३६५ पू. ३६६ पू. ४९५ उ २०० पू २१७ पू. ४४७ पू १४४ पू.
३९ उ. १८३ पू.
مو مو مو به مو به مو مو و ه ه مو مو مو مو مو مو به مو مو مو مو به مو له مه که
४०
२०३ उ. ३६१ पू.

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