Book Title: Bhavbhavna Prakaranam
Author(s): Hemchandracharya, Vairagyarativijay
Publisher: Shrutbhuvan Sansodhan Kendra

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Page 226
________________ परिशिष्ट २ २१३ ४२७ पू २२५ उ १०१ पू १०४ पू २०५ उ. مو به مو مو مو به به به به به به २३८ उ. २३६ उ. १८० उ. १०० उ. १६५ उ. ११८ पू. ५१५ उ. ५११ उ. निरयावाससुरालयअसंखदीवोदहीहिं कलियस्स। निवडंतसीहनहरस्स तत्थ किं तह दहं कहिमो ?। निवडंती य न एसा, रक्खिज्जइ चक्किणो वि सेन्नेण। निवडतो वि हु कोइ वि, पढमं खिप्पइ महंतसूलाए। निहए य तह निसन्ने, ओहयचित्ते विचित्तखंडेहि। निहओ निरुद्धसद्दो, गलयं वलिऊण जन्नेसु। निहणं गओ सि बहुसो, वि जीव ! परकोउयकएण। निहणिज्जंतो य चिरं, ठिओ सि ओलावयाईसु। नीरं पि पियणतावणघोलणसोसाइकयदुक्खं। नीहरमाणं विंधंति तह य छिंदंति निक्करुणा। नीहरियअंतमाला, भिन्नकवाला लुयंगा य। नेरइए चेव परोप्परं पि परसूहिं तच्छयंति दढं। नेहक्खयम्मि पावइ, पेच्छ पईवो वि निव्वाणं। नेहनियलेहि बद्धा, न चयंति तहा वि तं जीवा। पंच य नरगावासा, चुलसीइलक्खाइं सव्वासु। पंचमियाए पन्ना, इंदियहाणी उ छट्ठीए। पंचिंदियतिरिया वि हु, सीयायवतिव्वछुहपिवासाहिं। पंडगवणम्मि गंधा, तुवराईणि य विमीसंति। पउमदलदीहनयणा, अणंगधणुकुडिलभूलेहा। पउमवरवेइयाई, नाणासंठाणकलियाई। पक्खिभवेस गसंतो, गसिज्जमाणो य सेसपक्खीहिं। पच्छा अवसो उक्कत्तिऊण कह कह न खद्धो सि ?। पज्जंते उण झीणम्मि आउए निव्वडंततणकंपे। पज्जलियजलणजालासु उवरि उल्लंबिऊण जीवंतो। पडिओ अन्नाणंधो, बद्धो खद्धो निरुद्धो य। पडिकुंजरकढिणचिहुट्टदसणक्खयगलियपूयरुहिरोहो। पडिकुक्कुडनहरपहारफुट्टनयणो विभिन्नसव्वंगो। पडिवज्जिऊण चरणं, जं च इहं केइ पाणिणो धन्ना। पढमं अणिच्चभावं, असरणयं एगयं च अन्नत्तं। و به به به به ८४ उ. ३१८ उ. १८९ पू ३६७ उ. २९१ उ ३४४ उ. २३५ पू. २१० उ. ३९० पू. २२० पू 0 mm rrrrr و به مو مو به مو و २३७ उ. २२७ पू. २३८ पू ३२४ पू. و

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