Book Title: Bharat Jain Mahamandal ka Sankshipta Itihas 1899 to 1946
Author(s): Ajitprasad
Publisher: Bharat Jain Mahamandal Karyalay
View full book text
________________
( ४६ )
१६१० ४३-संस्था का नाम यगमेन्स ऐसोसियेशन की जगह भारत जैन महा
मंडल रखा गया । अंग्रेजी भाषा में All-India Jain
Association कहा जायगा। ४४-हस्तिनापुर ऋषभ ब्रह्मचर्याश्रम को स्थापना का निश्चय ।
१९११ ४५-दस्सा-प्रक्षाल-पूजा-अधिकार का अान्दोलन ।
१९१३ ४६-श्रीमती मगनबाईजी को "जैन महिला रत्न" को पदवी भेंट की
४७-डाक्टर हरमन जैकोबी को "जैन दर्शन दिवाकर" पद से विभूषित
किया गया । ४८-डाक्टर सतीशचन्द्र विद्याभूषण को "सिद्धान्त महोदधि" उपाधि
से सम्मानित किया गया । ४९-राय बहादुर सेठ कल्याण मलजी इन्दौर को "दानवीर" पद
अर्पित किया गया। .५०-ब्रह्मचारी शीतलप्रसादजी का सम्मान उनको "जैन धर्म भूषण"
की उपाधि से बाद जग-केसरी पंडित गोपालदास बरैया द्वारा
किया गया । :५१-सिद्धान्त भवन पारा के जैन पुरातत्व सूचक वस्तुओं की प्रदशिनी।
१६१५ . ५२-श्वेताम्बर-दिगम्बर-स्थानक-वासी सभी सम्प्रदाय के जैनों ने बम्बई
नगर में ख्याति प्राप्त डाक्टर खुशालभाई। शाह के सभापतित्व में, साम्प्रदायिक भेदभाव को गौण करके, मिलजुल कर काम
किया । -५३-महात्मा गांधी बम्बई अधिवेशन में पधारे। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com