Book Title: Bhagwati sutram Part 03 Author(s): Abhaydevsuri, Publisher: Agamoday Samiti View full book textPage 6
________________ लकशते गोशालकोत्थानपरियानिक होत्या, सरवणे सचिव गोबहलस्स विं चित्तफला सू. ५४० व्याख्या. भगवं गोयमं एवं वयासी-(जण्णं) से बहुजणे अन्नमन्नस्स एवमाइक्खइ ४-एवं खलु गोसाले मंखलिपुत्ते| प्रज्ञप्तिः जिणे जिणप्पलावी जाव पगासेमाणे विहरइ तण्णं मिच्छा, अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि जाव परूअभयदेवी- वेमि-एवं खलु एयस्स गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स मंखलिनामं मंखे पिता होत्या, तस्स णं मखलिस्स मंखस्स या वृत्तिः२ भद्दानामं भारिया होत्था सुकुमाल जाव पडिरूवा, तए णं सा भद्दा भारिया अन्नदा कदायि गुधिणी यावि ॥६६॥ होत्था, तेणं कालेणं २ सरवणे नामं सन्निवेसे होत्था रिद्धस्थिमिए जाव सन्निभप्पगासे पासादीए ४, तत्थ णं सरवणे सन्निवेसे गोबहुले नाम माहणे परिवसति अड्ढे जाव अपरिभूए रिउवेद जाव सुपरिनिट्टिए यावि होत्या, तस्स णं गोबहुलस्स माहणस्स गोसाला यावि होत्या, तए णं से मंखलीमंखे नामं अन्नया कयाइ भद्दाए भारियाए गुविणीए सद्धिं चित्तफलगहत्थगए मखत्तणेणं अप्पाणं भावेमाणे पुवाणुपुविं चरमाणे गामाणुगामं दूइजमाणे जेणेव सरवणे सन्निवेसे जेणेव गोबहुलस्स माहणस्स गोसाला तेणेव उवा० २ गोबहुलस्स माहणस्स गोसालाए एगदेसंसि भंडनिक्खेवं करेंति भंड०२ सरवणे सन्निवेसे उच्चनीयमज्झिदमाई कुलाई घरसमुदाणस्स भिक्खायरियाए अडमाणे वसहीए सवओ समंता मग्गणगवेसणं करेति वस हीए सवओ समंता मग्गणवेसणं करेमाणे अन्नत्थ वसहिं अलभमाणे तस्सेव गोबहुलस्स माहणस्स गोसालाए एगदेसंसि वासावासं उवागए, तए णं सा भद्दा भारिया नवण्हं मासाणं बहुपडिपुन्नाणं अडट्ठमाण राइंदियाणं वीतिकंताणं सुसुमालजाव पडिरूवगं दारगं पयाघा, तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो एक्का SURESOLUC-CROSS dain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 ... 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 ... 654