Book Title: Bhagwati sutram Part 03
Author(s): Abhaydevsuri, 
Publisher: Agamoday Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 9
________________ CACACASC CHORUSAUHIGHSHIRAISHIA गाहमसुद्धणं] तिविहेणं तिकरणसुद्धेणं दाणेणं मए पडिलाभिए समाणे देवाउए निबद्ध संसारे परित्तीकए। गिहंसि य से इमाई पंच दिवाई पाउन्भूयाई, तंजहा-वसुधारा वुट्ठा १ दसद्धवन्ने कुसुमे निवातिए २लु-17 क्खेवे कए ३ आहयाओ देवदुंदुभीओ ४ अंतरावि य णं आगासे अहो दाणे २ ति घुढे, तए णं रायगिहे नगरे सिंघाडगजाब पहेसु बहुजणो अन्नमन्नस्स एवमाइक्खइ जाव एवं परूवेइ-घने णं देवाणुप्पिया! विजए गाहावती कयत्थे णं देवाणुप्पिया ! विजये गाहावई कयपुन्ने णं देवाणुप्पिया। विजए गाहावई कयलक्खणे ण देवाणुप्पिया! विजये गाहावई कया णं लोया देवाणुप्पिया ! विजयस्स गाहावइस्स सुलद्धे गंदेवाणुप्पिया। माणुस्सए जम्मजीवियफले विजयस्स गाहावइस्स जस्स णं गिहंसि तहारूवे साधु साधुरूवे पडिलाभिए समाणे इमाई पंच दिवाई पाउन्भूयाई, तंजहा-वसुधारा वुट्टा जाव अहो दाणे २ घुढे, तं धन्ने कयत्ये कयपुने कयलक्खणे कया णं लोया सुलढे माणुस्सए जम्मजीवियफले विजयस्स गाहावइस्स विज०२। तए णं से गोसाले मंखलिपुत्ते बहुजणस्स अंतिए एयमढे सोचा निसम्म समुप्पन्नसंसए समुप्पन्नकोउहल्ले जेणेव विजयस्स गाहावइस्स गिहे तेणेव उवागच्छइ तेणेव०२ पासइ विजयस्स गाहावइस्स गिहंसि वसुहारं घुटुं दसद्धवन्नं कुसुमं निवडियं ममं च णं विजयस्स गाहावइस्स गिहाओ पडिनिक्खममाणं पासति २ हहतुढे जेणेव ममं अंतिए तेणेव उवाग०२ ममं तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेइ २ ममं वं० नमं० P२मम एवं बयासी-तुझे णं भंते ! ममं धम्मायरिया अहन्नं तुझं धम्मंतेवासी, तए णं अहं गोयमा ! USSAGASC Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 ... 654