Book Title: Bhagwati Sutra Vyakhyan Part 01 02
Author(s): Jawaharlal Aacharya
Publisher: Jawahar Vidyapith

View full book text
Previous | Next

Page 10
________________ अर्थ सहयोगी परिचय श्रेष्ठीवर्य समतासाधक, शासननिष्ठ समाजसेवी, स्व. सेठ धूलचन्दजी पन्नालालजी सा. कटारिया, रतलाम रतलाम नगर में पौष बदी 10 संवत् 1977 में जन्मे सेठ स्व. श्री पन्नालालजी कटारिया शुरू से ही सरल सेवाभावी, मेधावी, मृदुभाषी एवं धर्म में आस्था रखने वाले व्यक्ति थे। ___ आपने रतलाम में सोने-चांदी का व्यवसाय प्रारम्भ किया, जिसमें आपने अच्छी प्रामाणिकता एवं उत्तमता में ख्याति प्राप्त की। यह व्यवसाय आज भी निरन्तर उन्नति करते हुए लोगो के विश्वास का प्रतीक बना हुआ है, जो रतलाम मे 'कटारिया ज्वैलर्स' एवं 'डी. पी. ज्वैलर्स' के नाम से विख्यात है। जहाँ आपने सोने-चाँदी के व्यवसाय में सफलता प्राप्त की है, उद्योग जगत् में भी आपने कटारिया वायर्स प्राइवेट लिमिटेड, रतलाम वायर्स प्राईवेट लिमिटेड तथा डी. पी. वायर्स प्राईवेट लिमिटेड के नाम से ख्याति प्राप्त की। इनमें स्टील वायर्स, गेल्वेनाइज्ड वायर, पी.सी. वायर्स एवं प्लास्टिक फिल्म का उत्पादन होता है, जिसमें सैकड़ो व्यक्तियों को रोजगार मिल रहा है। स्व. श्री पन्नालालजी सा. कटारिया अपने व्यावसायिक कार्य के अलावा सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों में भी हमेशा आगे रहते थे। इसका मुख्य उदाहरण रतलाम में वृद्धाश्रम का संचालन है, जो कि अन्न क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है, जिसमें अनेक निराश्रित व्यक्तियों के रहने की व्यवस्था है। इसकी देखभाल आप स्वयं प्रतिदिन जाकर करते थे। आपके पदचिह्नों पर चलते हुए आपके परिवार के सदस्य भी इस सेवाकार्य में निरन्तर आश्रितों की देखभाल कर रहे हैं। साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में आपका योगदान भी विशेष रहा है। जैन समाज के सभी स्कूलों में आप सहभागी बने थे। और उदात्त भाव से अग्रणी दानदाता के रूप में विख्यात थे। 880

Loading...

Page Navigation
1 ... 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 ... 314