Book Title: Bhagavati Jod 07
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 16
________________ अचरमः बन्ध-अबन्ध अचरम के संदर्भ में आठ कर्मः बन्ध - अबन्ध पापकर्म: करण अकरण पद पापकर्म: समर्जन समाचरण पद पापकर्म: प्रारम्भ और अन्त समवसरण पद जीव की क्रियावादिता आदि. दंडकों में क्रियावादिता आदि समवसरणगत जीवों का आयुष्यबन्ध समीक्षा अशुभलेश्या में आयुबन्धकी समवसरणगत २४ दंडकों का आयुबन्ध समवसरणगत जीवों का भव्यत्व अभव्यत्व समवसरणगत २४ दंडकों में भव्यत्व अभव्यत्व अनन्तरोपपन्न २४ दंडकों में क्रियावादिता आदि परम्परोपपन्न २४ दंडकों में क्रियावादिता आदि क्षुल्लक युग्म के प्रकार क्षुल्लक युग्म नैरयिकों का उपपात क्षुल्लक युग्म कृष्णलेश्यी नैरयिकों का उपपात क्षुल्लक युग्म नीललेश्यी नैरयिकों का उपपात क्षुल्लक युग्म कापोतलेश्यी नैरयिकों का उपपात क्षुल्लक युग्म भवसिद्धिक आदि नैरयिकों का उपपात क्षुल्लकयुग्म वैरमिकों का उद्वर्तन एकेन्द्रिय जीवों के प्रकार एकेन्द्रिय जीवों के कर्म प्रकृति अनन्तरोपपन्न एकेन्द्रिय जीवों के प्रकार अनन्तरोपपन्न एकेन्द्रिय जीवों के कर्म प्रकृति परम्परोपपन्न एकेन्द्रिय जीवों के प्रकार परम्परोपपन्न एकेन्द्रिय जीवों की कर्मप्रकृति अनन्तरावगाढ आदि एकेन्द्रिय जीवों की कर्म प्रकृति कृष्णलेश्यी एकेन्द्रिय जीवों के प्रकार कृष्णलेश्मी एकेन्द्रिय जीवों के कर्म प्रकृति अनन्तरोपपन्न कृष्णश्वी एकेन्द्रिय जीवों के कर्म प्रकृति परम्परोपपन्न कृष्णलेश्यी एकेन्द्रिय जीवों के कर्म प्रकृति नीललेश्यी एकेन्द्रिय के कर्म प्रकृति कापोटी एकेन्द्रिय के कर्मप्रकृति भवसिद्धिक एकेन्द्रिय के प्रकार भवसिद्धिक एकेन्द्रिय के कर्मप्रकृति कृष्णलेश्यी भवसिद्धिक के प्रकार कृष्णलेश्यी भवसिद्धिक एकेन्द्रिय के कर्मप्रकृति अनंतरोपपन्न कृष्णले भवसिद्धिक एकेन्द्रिय के कर्म प्रकृति नीललेश्यी आदि भवसिद्धिक एकेन्द्रिय के कर्म प्रकृति Jain Education International २७३ २७४ २७९ २८३ २९१ २९९ ३०० ३०१ ३११ ३१२ ३१६ ३२० ३२२ ३२३ ३२४ ३२९ ३३० ३३३ ३३४ ३३५ ३३५ ३४१ ३४५ ३४६ ३४७ ३४८ ३४८ ३४९ ३४९ ३५० ३५० ३५१ ३५१ ३५२ ३५२ ३५२ ३५२ ३५३ ३५३ ३५३ ३५४ (१४) एकेन्द्रिय जीवों की विग्रह गति (क) एकेन्द्रिय जीवों की विग्रह गति ( ख ) लोक के चरमान्त की अपेक्षा से एकेन्द्रिय जीवों की विग्रह गति एकेन्द्रिय जीवों के स्थान एकेन्द्रिय जीवों के कर्मप्रकृति का बन्ध और वेदन एकेन्द्रिय में उपपात एकेन्द्रिय में समुद्घात एकेन्द्रिय जीवों के कर्म बन्ध का अल्पबहुत्व अनंतरोपपन्नक एकेन्द्रिय जीवों के प्रकार, स्थान आदि परंपरोपपन्नक एकेन्द्रिय जीवों के प्रकार, स्थान आदि कृष्णलेश्यी आदि एकेन्द्रिय के प्रकार, स्थान आदि महायुग्म के प्रकार प्ररूपणा राजियुग्म व्याज राशिवाले २४ दण्डकों में उपपात आदि की प्ररूपणा राशियुग्म द्वापरयुग्म राशिवाले २४ बंडकों में उपपात आदि की प्ररूपणा राजियुग्म ल्योन राशि वाले २४ दंडकों में उपपात आदि की प्ररूपणा कृष्णलेश्यी आदि राशियुग्म कृतयुग्मज २४ दंडकों में उपपात आदि की प्ररूपणा भवसिद्धिकराशियुग्म कृतयुग्मज २४ दंडकों में अभवसिद्धिक राशि २४ दंडकों में सम्यक् दृष्टि राशियुग्म कृतयुग्म २४ दंडकों में मिथ्यादृष्टि राशियुग्म कृतयुग्मज २४ दंडकों में कृष्णपाक्षिक राशियुग्म कृतयुग्मज २४ दंडकों में अर्हत्-वाणी की अपूर्वता ४०८ ४१९ ४२५ एकेन्द्रिय महायुग्मों में उपपात आदि की प्ररूपणा (क) एकेन्द्रिय महायुग्मों में उपपात आदि की प्ररूपणा (ख) द्वीन्द्रिय महायुग्मों में उपपात आदि की प्ररूपणा श्रीन्द्रिय महायुग्मों में उपपात आदि की प्ररूपणा चतुरिन्द्रिय महायुग्मों में उपपात आदि की प्ररूपणा असन्नी पंचेन्द्रिय महायुग्मों में उपपात आदि की प्ररूपणा ४२६ सन्नी पंचेन्द्रिय महायुग्मों में उपपात आदि की प्ररूपणा ४२७ कृष्णले आदि सन्नीपंचेन्द्रिय महायुग्मों में उपपात आदि की प्ररूपणा ४२% राशियुग्म के प्रकार राशियुग्मकृतयुग्मज २४ दण्डकों में उपपात आदि की भगवती सूत्र का स्वरूप आगम पुरुष की परिकल्पना ३५९ ३६६ For Private & Personal Use Only ३७२ ३७६ ३७७ ३७८ ३७८ ३७८ ३८२ ३८५ ३८७ ३९३ ४०२ ४३१ ४४१ ४४१ ४४५ ४४५ ४४६ ४४६ ४४९ ४५० ४५१ ४५१ ४५१ ४५२ ४५४ ४५५ www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 ... 498