Book Title: Bhagavana Mahavira
Author(s): Jain Parishad Publishing House Delhi
Publisher: Jain Parishad Publishing House Delhi

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Page 368
________________ ( ३५० ) बादामी — वीजापुर जिला में प्राचीन स्थान है । यही चालुक्य राजधानी वातापि है । यहाँ एक गुफा मंदिर सन् ६५० ई० का बना हुआ है, जिसके बाहर भ महावीर की दि० जैन मूर्ति पल्यंकासन विराजमान है । यह गुफा श्री महावीर स्वामी की भक्ति मे अपनी वीतरागता झलका रही है । २ यह अतिशय तीर्थ रूप में पूजी जाना चाहिये । बीजोल्या - रियासत उदयपुर मे अतिशय क्षेत्र है । यहाँ भ० महावीर की भी मान्यता थी। एक मानस्तभ पर उनकी भव्य प्रतिमा अंकित है, जिस पर का लेख पढ़ा नहीं जाता ॥३ बीना - सागर जिले मे अतिशय तीर्थ देवरी के निकट है । यहाँ एक मन्दिर में भ० महावीर की श्याम वर्ण पापारण की १२ फीट ऊँची प्रतिमा अत्यन्त मनोग्य और दर्शनीय है । बेलगांव का प्राचीन नाम वेणुग्राम था । यह बम्बई प्रात मे एक मुख्य जिला है | यहाॅ पहले रट्ट वंश के राजा राज्य करते थे । राजा लक्ष्मीदेव की रानी चन्द्रिकादेवी जिनेन्द्र महावीर की भक्त थीं । उनके असाध्य रोग होने पर उन्होंने रामबाग में एकातवास किया और एक दिन मंदिर में महावीर प्रतिमा प्रतिष्ठित करा कर उनकी पूजा मे रत रहतीं थीं । इस भक्ति के फल स्वरुप उनका असाध्य रोग अच्छा हो गया और वह स्थान अतिशय स्थान माना जाने लगा | भोजपुर-भोपाल राज्य के अन्तर्गत एक प्राचीन स्थान है। સે ¡C FAIO, पृ० १०३ २ मं० प्रा० ३. दि० जे० ढा०, पृ० १०२, ४. दि० ० ० ० ३०३ • ↑ १. मत्रियशन्श हुन मार्डने कर्णाटक व कोरापुर पृ० ११

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