Book Title: Bhagavana Mahavira
Author(s): Jain Parishad Publishing House Delhi
Publisher: Jain Parishad Publishing House Delhi

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Page 371
________________ ( ३५३ ) सहेठ महेठ नामक गांव प्राचीन श्रावस्ती है । भ० महावीर का समवशरण यहाँ कई दफा आया था । यहाँ के राजा सुहृदध्वज जैनी थे । १ श्री महावीरजी - ( चांदनगांव) जयपुर रियासत में प्रसिद्ध अतिशय क्षेत्र है । यहाँ के विशाल मंदिर में भ० महावीर की वह विशाल मूर्ति बिराजमान है जो एक ग्वाला के द्वारा भूगर्भ से निकाली गई थी और दीवान जोधराजनी भरतपुर ने जिसे बृहद् मंदिर बनवा कर उसमें विराजमान किया था । यह प्रतिमा चमत्कार लिये हुए बताई जाती है । इसी कारण इस तीर्थ की विशेष मान्यता है । २ श्रीमाल - गुर्जर देश की राजधानी था । आबू पर्वत से ५० मील की दूरी पर यह नगर अवस्थित है । यहाँ तेरहवीं शताब्दि के शिलालेख में लिखा है कि भ० महावीर का शुभा गमन हुआ था । ( यः पुरात्र महास्थाने श्रीमाले सुसमागतः । सदेवः श्री महावीर ....... भयत्राता . ) ३ साकेत - कौशल देश का प्रसिद्ध नगर और एक समय राजधानी था। भ० महावीर यहाँ पधारे थे । संदेखा - संद्रक जैन गच्छ का मुख्य स्थान है । यहाँ श्री महावीर स्वामी का जैन मंदिर है 1४ इस प्रकार भ० महावीर की मान्यता के मुख्य तीर्थ (१) पावापुर, (२) कुण्डलपुर बड़ागांव, (३) कुण्डलपुर और (४) १. सं० पु० जे० स्मा० पृ० ૬૨ २. दि० जै० डा० प ४८० ३, मंग० भा० १ खंड १ पृ० ४८० ४. मरा० प्रा० ज० ० स्मा० पृ० १६३

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