Book Title: Bhagavana Mahavira
Author(s): Jain Parishad Publishing House Delhi
Publisher: Jain Parishad Publishing House Delhi

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Page 366
________________ ( ३४६ ) - सरवर' कहते हैं । महावीर - मूर्ति के कारण यह क्षेत्र अतिशय तीर्थ माना जाता है | कुपारी पर्वत - कलिङ्गदेश मे था । आजकल यह तीर्थ खंडगिरि उदयगिरि के नाम से प्रसिद्ध है । यहाँ भ० महावीर ने धर्मोपदेश दिया था । कुहाॐ ग्राम - तहसील देवरिया जिला गोरखपुर मे है । इसका प्राचीन नाम ककुभ ग्राम है । यहाँ कई जिनमन्दिर थे 1 इस समय एक गुप्तकालीन स्थम्भ है, जिस पर अन्य चार तीर्थकरों के साथ भ० महावीर की भी मूर्ति अंकित है |२ *कोल्लाक सन्निवेश – दि० जैनप्रथों का प्राचीन कूल्यनगर है, जहाँ भ० महावीर का प्रथम पारणा हुआ था । यह स्थान कुण्डग्राम के निकट अवस्थित था । कौशाम्बी - - इलाहाबाद जिले मे कोसम नामक ग्राम है । प्राचीन वत्सदेश की वह राजधानी थी । यहाँ के राजा उदयन और रानी मृगावती भ० महावीर के उपासक और सम्वन्धी थे । चंदना सती का प्रकरण भी यहीं हुआ था । भ० महावीर यहॉ कई वार पधारे थे |३ ग्वालियर -- प्राचीन गोपगिरि है । यहाँ के किले में अनेक जिन मूर्तियों मे महावीर स्वामी की भी है ।४ गुणावा - पटना जिले में नवादा स्टेशन से डेढ़ मील है । यह स्थान गौतम गणधर का निर्वाण क्षेत्र माना जाता है । यहाँ १. म०प्र० जे० स्मा०, पृ० १३ २. सं० प्रां० जै० स्मा०, ३. पूर्व० पृ० २६ 8. पृ० प० ६ म० प्रा० जे० स्मा०, पृ० ६५

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