Book Title: Bauddh Pramana Mimansa ki Jain Drushti se Samiksha
Author(s): Dharmchand Jain
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 454
________________ ग्रन्थ - लेखकानुक्रमणिका कोट्याचार्य ४४ कौटिल्य २,४ क्रियाकलापटीका ५८ क्षणभङ्गसिद्धि २३, २४,२७,२८,२९ क्षणभङ्गाध्याय २९ खण्डखण्डखाद्य ३ गंगानाथ झा २६ गङ्गेश १३,२०४,२५६, २६१, २६९, ३२० गणेशीलाल सुथार ३२१ गद्यकथाकोश ५८ गन्धहस्तिभाष्य ४० गुणमति १९ गुणरत्नसूर ६१ गृद्धपिच्छ ३४,२७५ गोविन्दचन्द्र पाण्डे ३५१ गौतम (अक्षपाद) ४, ५, १०, १२, १३,१५, २१०, २७५, २७६, २८२, २८४, २९०, ३२० चतुःशती २७, २८, १४७ चतुरविजय ४४ चन्द्रपाल १९ चन्द्रोदय ५८ चन्द्रसेनसूरि ६१ चन्द्रानन्दवृत्ति १७ चरकसंहिता ४,५,९ चारुकीर्ति ५५ छान्दोग्योपनिषद् ४ जगन्नाथ उपाध्याय २६ जम्बूविजय (मुनि) १७,१८,२२,४०,४३,४५ Jain Education International जयन्त भट्ट २०, २५, २१३, २३४, २५५, २६१, २९६, ३०५, ३०६, ३०९, ३२१, ३४० जयराशि भट्ट ३,५३, १०९ जयसिंहदेव ५५ जल्पनिर्णय ४६ जितारि २७,१२५ जिनदासगणि १३९ जिनभद्रगणि ३२,४४,६२,६३, १२९, १३१, १३४, १३६, १३८, १४०, १४१, १४२, २०७, ३८० जिनमित्र १९, २२, २३ जिनविजय (मुनि) २५, २८ जिनसेन ५८ जिनेन्द्रबुद्धि ११, १७, १८,६९, ११०, १२१, २७०, २९१, ३४० जिनेश्वरसूरि ५६,६१ जीत अभिनन्दन ग्रन्थ २०३ जीवसिद्धि ४० जुगलकिशोर मुख्तार ३६, ४०, ४७,५८ जैकोबी ३६ जैनतर्क भाषा ६१, १४० जैन तर्कशास्त्र में अनुमान विचार २१४, २३८, ४२३ २७२, २७५, २८५ जैनदर्शन और प्रमाणशास्त्र परिशीलन ४० जैनन्याय ४०, ४५ जैन न्याय का विकास ३० जैन भाषा दर्शन १०७, १०८ जैन साहित्य और इतिहास पर विशद प्रकाश ३६,४० For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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