Book Title: Bauddh Pramana Mimansa ki Jain Drushti se Samiksha
Author(s): Dharmchand Jain
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 453
________________ ४२२ बौद्ध प्रमाण-मीमांसा की जैनदृष्टि से समीक्षा आगमयुग का जैन दर्शन २९,३१,३२,३६, ৩৩ आचाराङ्गसूत्र ३३,१३७,२०३ आत्मानुशासनतिलक ५८ आदिपुराण ५८ आनन्दवर्द्धन २२,२३ आप्तपरीक्षा ५१,५२,५५ आप्तपरीक्षालङ्कृति ५२ आप्तमीमांसा २५,२८,३३,४०-४२,४८,५२, ५३,५४,७८,१३७,१३८,२०१,३६६ आर्यदेव ९,१५ आलम्बनपरीक्षा १६,१८ आवश्यकनियुक्ति १३६,१९५ आवश्यकसूत्र ४४ इत्सिंग १९,२६ ईश्वरकृष्ण २,३२१ ईश्वरप्रत्यभिज्ञाविमर्शिनी ३०९ ईश्वरसेन १८,१९ उई ९,१८ उत्तराध्ययनसूत्र ३५८ उत्पादादिसिद्धि ६१ उदयन २५,२९६,३२१ उद्योतकर ५,१५,१६,१९,२०,५३,१०९, २११,२९५,३२०,३५१ उपायहदय ५,९,१०,३२,३३,७७,२१२, २९० उमास्वामी (उमास्वाति) ३,२५,३१,३३,३४, ४७,५३,६१,६५,७७,७८,१२९,१३४,१३६, १३९,१४०,२०७,२९०,३१८ एकीभावस्तोत्र ५५,५६ एम्बारकृष्णमाचार्य २९ ऐयास्वामी शास्त्री १८ कठोपनिषद् ३२१ कणाद ४,२३९,२४३,२९४ कथावत्थुप्पकरण ७ कपिल ४,३३५ कमलशील १३,१४,१५,२२,२६,२७,४५, ५४,५६,५७,६८,७५, १०६,११२, ११५, ११६,११८,११९,१२० ,१२१,१२५,१२७, १२८,१४३,२०८,२०९,२१०,२१५,२७१, २९०,२९७,३३१,३३९,३६५ कर्णकगोमी २१,४७ कार्यकारणभावसिद्धि २९ कालमेध ५ काश्मीर की तांत्रिक परम्परा : साहित्य, दर्शन और साधना ३०९ किकियाये ९ किरणावली ३२१ कीथ १८ कुन्दकुन्द ३३,३५,६२,६३,१३७,२०३ कुमारनन्दी २८,४६,६२,२२३,२७६ कुमारिल भट्ट ६,१५,१६,१९,२०,३९,४०, ४७,५३,५५,५६,७०,७१,८८,११२,११३, २०४,२३८,२६१,३०९,३४० ,३४२,३४३, ३४४,३४५,३५१ कुलभूषण २८ केशवमिश्र७८२१३,२१६,२१९,२३४,२७४ कैलाशचन्द्र शास्त्री ३६,४०,४७,५८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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