Book Title: Bauddh Pramana Mimansa ki Jain Drushti se Samiksha
Author(s): Dharmchand Jain
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 477
________________ ४४६ बौद्ध प्रमाण-मीमांसा की जैनदृष्टि से समीक्षा श्लोकवार्तिक (न्यायरत्नाकर सहित) कुमारिलभट्ट,रत्ना पब्लिकेशन,कमच्छा,वाराणसी,१९७८ सर्वदर्शनसङ्ग्रह सायणमाधवाचार्य,पूना,१९५१ सांख्यकारिका ईश्वरकृष्ण ,नेशनल पब्लिशिंग हाउस, नई दिल्ली सांख्यतत्त्वकौमुदी वाचस्पतिमिश्र,व्याख्याकार गजाननशास्त्री मुसलगांवकर, चौखम्बा संस्कृत संस्थान,वाराणसी,१९८५ सांख्यसूत्र कपिल सम्पा.,रामशंकर भट्टाचार्य,भारतीय विद्या प्रकाशन, वाराणसी,१९७६ हिन्दी ग्रंथ अनुमान-प्रमाण बलिराम शुक्ल,ईस्टर्न बुक लिंकर्स,दिल्ली,१९८६ अपोहसिद्धि अनु. गोविन्दचन्द्र पाण्डे,दर्शन प्रतिष्ठान,बापूनगर,जयपुर, १९७१ आगमयुग का जैन दर्शन दलसुखभाई मालवणिया, श्री सन्मतिज्ञानपीठ, आगरा, १९६६ काश्मीर की तांत्रिक परम्परा : साहित्य, आर.सी.द्विवेदी,नेशनल पब्लिशिंग हाऊस,दिल्ली दर्शन और साधना जैन तर्कशास्त्र में अनुमान-विचार दरबारी लाल कोठिया, वीरसेवा मंदिर ट्रस्ट, वाराणसी, १९६९ जैनदर्शन और प्रमाणशास्त्र परिशीलन दरबारी लाल कोठिया, वीरसेवा मंदिर ट्रस्ट, वाराणसी, १९८० जैन - न्याय कैलाश चन्द्र शास्त्री, भारतीय ज्ञानपीठ ,१९६६ जैन न्याय का विकास मुनि नथमल,जैन विद्या अनुशीलन केन्द्र,राजस्थान विश्व विद्यालय,जयपुर,१९७७ जैन भाषा-दर्शन सागरमल जैन, भोगीलाल लहरचन्द्र भारतीय संस्कृति संस्थान, दिल्ली,१९८६ जैन साहित्य और इतिहास पर विशद पं.जुगल किशोर मुख्तार, वीरसेवा मन्दिर,दिल्ली प्रकाश जैन साहित्य का बृहद् इतिहास (भाग-३) मोहन लाल मेहता, पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी,१९६७ दर्शन और चिन्तन (दो खण्ड) सुखलाल संघवी, गुजरात विद्यासभा,१९५७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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