Book Title: Bauddh Pramana Mimansa ki Jain Drushti se Samiksha
Author(s): Dharmchand Jain
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

View full book text
Previous | Next

Page 482
________________ लेखक-परिचय डॉ. धर्मचन्द जैन का जन्म राजस्थान के टोंक जिले के अन्तर्गत अलीगढ़ नामक कस्बे में 13 सितम्बर, 1958 को हुआ था। प्रारम्भिक शिक्षा के बाद जैन सिद्धान्त शिक्षण संस्थान, जयपुर में रह कर आपने हायर सेकेण्डरी से लेकर एम० ए० तक की शिक्षा प्राप्त की। राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर द्वारा सन् 1979 एवं 1901 में, क्रमशः बी० ए. और एम.ए. की परीक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने के लिए आपको स्वर्णपदक प्रदान किया गया। सम्प्रति आप जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर (राज.) में सहायक आचार्य, संस्कृत (जैन दर्शन ) के पद पर कार्यरत हैं / मात्र 37 वर्ष की उम्र में जैन दर्शन और प्राकृत भाषा के प्रखर एवं मेधावी युवा अध्येता डॉ. जैन को शिक्षा के क्षेत्र में कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है / राजस्थान संस्कृत अकादमी, जयपुर द्वारा उत्कृष्ट संस्कृत गद्य-लेखन के लिए आपको 1991 में 'अम्बिकादत्त व्यास पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। सम्यक् ज्ञान प्रचारक मण्डल, जयपुर द्वारा 1994 में आपको 'युवा शोध प्रतिभा पुरस्कार' प्रदान किया गया। आपके लगभग बीस शोध-पत्र विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। आगम अनुयोग ट्रस्ट से प्रकाशित 'द्रव्यानुयोग' के समस्त अध्ययनों के आमुख एवं तृतीय भाग की भूमिका आपने लिखी है। वर्तमान में आप जैन जगत् की दो लोकप्रिय पत्रिकाओं-जिनवाणी एवं स्वाध्याय शिक्षा के सम्पादक हैं। Jain E leation International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 480 481 482