Book Title: Bar Bhavna Sazzaya
Author(s): Jayanti Kothari
Publisher: ZZ_Anusandhan

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Page 12
________________ अनुसंधान-१७. 153 आसना ३०.८ पासे रहेला (सं.आसन्न) उदीर्ण ३८.४ उदय पामेल (सं.) उन्मारग ३.१ अवळो - खोटो मार्ग उपशमाव- ३८.४ शांत कर उवझाय ३९.५ उपाध्याय, जैन साधुनी एक पदवी उह्नस- ७.८ शोभq, प्रकाशq (सं.उल्लस्) ऊंचम ६.२ ऊंचाई (सं.उच्च परथी) एकमनां ३९.४ एक चित्ते करणेण ३१.१ करवाथी (सं.) कवण ९.४ कोण (सं.कः पुनः) कहि ९.३ कोई कंथूआ २०.१ एक नानकडं जीवडुं (सं.कुंथु) काती १३.१ कारतक महिनो (सं.कार्तिक) . कासग ३३.७ काउसग्ग, देहथी पर थर्बु ते, एक जैन ध्यानक्रिया (सं.कार्योत्सर्ग) किमहिइं २९.५ केमेय कुंभी १६.६ घडाना आकारनी नाना कोटडी, जेमां नरकना जीवोने पकववामां आवे छे (सं.) कोडाकोडि ३७.२ करोडने करोडथी गुणवाथी थती संख्या कोडि, कोडी ६.६, ८ करोड (सं.कोटि) कोद्रव ७.६ कोदरा, एक हलकुं धान्य (सं.) कोसीस ६.७ कोसीसां, कोटनां कांगरां (सं.कपिशीर्षक) क्षई ३८.४ क्षयथी, नाशथी क्षायिक ३८.५ कर्मनाशथी उत्पन्न थयेल, सम्यक्त्वनो एक प्रकार (सं.) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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