Book Title: Bansidhar Pandita Abhinandan Granth
Author(s): Pannalal Jain
Publisher: Bansidhar Pandit Abhinandan Granth Prakashan Samiti

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Page 640
________________ ६ / संस्कृति और समाज : २५ इस लेखमें हमने मनुष्योंकी उच्चता और नीचताके विषयमें जो विचार प्रकट किये हैं उनका आधार यद्यपि आगम है फिर भी यह विषय इतना विवादग्रस्त है कि सहसा समझ में आना कठिन है। हमारा अनुरोध है कि वे भी इस विषयका चिन्तन करें और अपनी विचारधाराके निष्कर्षको व्यक्त करें। यद्यपि इस विषय पर कर्मसिद्धान्तकी दृष्टिसे भी विचार किया जाना था, परन्तु लेखका कलेवर इतना बढ़ चुका है कि प्रस्तुत लेखमें मैंने जो कुछ लिखा है उसमें भी संकोचकी नीतिसे काम लेना पड़ा है। अतः अतिरिक्त विषय कभी प्रसंगानुसार ही लिखनेका प्रयत्न करूँगा। AAXN Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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