Book Title: Balbodh 1 2 3
Author(s): Hukamchand Bharilla
Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur

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Page 29
________________ १. सभी आत्मायें बराबर हैं, कोई छोटा-बड़ा नहीं है। २. भगवान कोई अलग नहीं होते। जो जीव पुरुषार्थ करे, वही भगवान बन सकता है। ३. भगवान जगत की किसी भी वस्तु का कुछ कर्ता हर्ता नहीं है, मात्र जानता ही है। ४. हमारी आत्मा का स्वभाव भी जानना - देखना है, कषाय आदि करना नहीं है। ५. कभी किसी का दिल दुखाने का भाव मत करो । ६. झूठ बोलना और झूठ बोलने का भाव करना पाप है। ७. चोरी करना और चोरी करने का भाव करना बुरा काम है। ८. संयम से रहो, क्रोध से दूर रहो और अभिमानी न बनो । ९. छल-कपट करना और भावों में कुटिलता रखना बहुत बुरी बात है । १०. लोभी व्यक्ति सदा दुःखी रहता है। ११. हम अपनी ही गलती से दुःखी हैं और अपनी भूल सुधार कर सुखी हो सकते हैं। प्रश्न - १. भगवान महावीर का संक्षिप्त परिचय दीजिए । २. उनकी क्या शिक्षायें थीं ? ३. संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखो - दीपावली, महावीर जयन्ती, पावापुर। ४. महावीर के कितने नाम हैं ? बताकर प्रत्येक की सार्थकता बताइये । ५. उनका ही जन्म दिवस क्यों मनाया जाय ? ३४

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