Book Title: Balak ke Jivvichar
Author(s): Prashamrativijay
Publisher: Pravachan Prakashan Puna

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Page 23
________________ boy.pm5 2nd proof २७. एकेन्द्रिय के २२ भेद पृथ्वीकाय : ४ भेद : पृथ्वीकाय के जीव सूक्ष्म भी होते है, बादर भी होते हैं । १. जो सूक्ष्म पृथ्वीकाय के जीव पर्याप्ति पूर्ण करे वह सूक्ष्म पृथ्वीकाय पर्याप्त रूप से जाने जाते हैं। २. जो सक्ष्म पृथ्वीकाय के जीव पर्याप्ति पूर्ण न करे वह सूक्ष्म पृथ्वीकाय अपर्याप्त रूप से जाने जाते हैं । ३. जो बादर पृथ्वीकाय के जीव पर्याप्ति पूर्ण करे वह बादर पृथ्वीकाय पर्याप्त रूप से जाने जाते हैं । जो बादर पृथ्वीकाय के जीव पर्याप्ति पूर्ण न करे वह बादर पृथ्वीकाय अपर्याप्त रूप से जाने जाते हैं । याद रखो : लब्धि अपर्याप्त जीव अकाल मरने के कारण अपर्याप्त गिना जाता है । करण अपर्याप्त जीव जहाँ तक पर्याप्ति पूर्ण न करे वहाँ तक अपर्याप्त गिना जाता है। अप्काय : ४ भेद : अप्काय के जीव सूक्ष्म भी होते हैं, बादर भी होते हैं । सूक्ष्म अप्काय के जीव पर्याप्ति पूर्ण करते हैं इसलिए सूक्ष्म अप्काय पर्याप्त रूप से जाने जाते हैं । २. सूक्ष्म अप्काय के जीव पर्याप्ति पूर्ण नहीं करते इसलिए सूक्ष्म अप्काय अपर्याप्त रूप से जाने जाते हैं। ३. बादर अप्काय के जीव पर्याप्ति पूर्ण करते हैं इसलिए बादर अप्काय पर्याप्त रूप से जाने जाते हैं । ४. बादर अप्काय के जीव पर्याप्ति पूर्ण नहीं करते इसलिए बादर अप्काय अपर्याप्त रूप से जाने जाते हैं । तेउकाय : ४ भेद : तेउकाय के जीव सूक्ष्म भी होते हैं, बादर भी होते हैं । सूक्ष्म तेउकाय के जीव पर्याप्ति पूर्ण करते हैं इसलिए सूक्ष्म तेउकाय पर्याप्त रूप से जाने जाते हैं । २. सूक्ष्म तेउकाय के जीव पर्याप्ति पूर्ण नहीं करते इसलिए सूक्ष्म तेउकाय अपर्याप्त रूप से जाने जाते हैं । ३. बादर तेउकाय के जीव पर्याप्ति पूर्ण करते हैं इसलिए बादर तेउकाय पर्याप्त रूप से जाने जाते हैं। ४. बादर तेउकाय के जीव पर्याप्ति पूर्ण नहीं करते इसलिए बादर तेउकाय अपर्याप्त रूप से जाने जाते हैं। वायुकाय : ४ भेद : वायुकाय के जीव सूक्ष्म भी होते हैं, बादर भी होते हैं । १. सूक्ष्म वायुकाय के जीव पर्याप्ति पूर्ण करते हैं इसलिए सूक्ष्म वायुकाय पर्याप्त रूप से जाने जाते हैं । २. सूक्ष्म वायुकाय के जीव पर्याप्ति पूर्ण नहीं करते इसलिए सूक्ष्म वायुकाय अपर्याप्त रूप से जाने जाते हैं । ३. बादर वायुकाय के जीव पर्याप्ति पूर्ण करते हैं इसलिए बादर वायुकाय पर्याप्त रूप से जाने जाते हैं । ४. बादर वायुकाय के जीव पर्याप्ति पूर्ण नहीं करते इसलिए बादर वायुकाय अपर्याप्त रूप से जाने जाते हैं । वनस्पतिकाय : ६ भेद : साधारण वनस्पतिकाय के जीव सूक्ष्म भी होते हैं, बादर भी होते हैं । साधारण सूक्ष्म वनस्पतिकाय के जीव पर्याप्ति पूर्ण करते हैं इसलिए साधारण सूक्ष्म वनस्पतिकाय पर्याप्त रूप से जाने जाते हैं । २. साधारण सूक्ष्म वनस्पतिकाय के जीव पर्याप्ति पूर्ण नहीं करते इसलिए साधारण सूक्ष्म वनस्पतिकाय अपर्याप्त रूप से जाने जाते हैं । बालक के जीवविचार • ३९ ४० • बालक के जीवविचार

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