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सांज कहा सवेरा रे ॥ मान० ॥ २ ॥ नहींतर परतावोगे यखर, बीत गया यो वेरा रे ॥ चिदानंद प्रभु पदकज सेवत, बहुरि न होय नव फेरा रे ॥
मान० ॥ ३ ॥
॥ पद जंगणीशसुं ॥ ॥ राग धन्याश्री ॥ ॥ मूल्यो जमत कदा वे प्रजान ॥ मूल्यो ज० ॥ ए प्रकरणी ॥
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