Book Title: Atma Sambodhan
Author(s): Manohar Maharaj
Publisher: Sahajanand Satsang Seva Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 322
________________ [ २७६ ] ६० सहिष्णुता १-७७५. महात्मा को कसौटी सहिष्णुता है। २-७७६. जो जरा सी भी कही बात या दूसरों के द्वारा श्राराम यादर न किये जाने की बात नहीं सह सकता उसमें महात्मत्व की गंध नहीं । ३-७८१. जो पुरुप दूसरों के द्वारा की जाने वाली अपनी निन्दा को सुनकर भी क्षोभ नहीं लाते, समता से सहन कर नाते वे महात्मा धन्य हैं। ४-७८२. देह के सुखियापन का जिन्हें जरा भी ध्यान नहीं होता और देह न दुःख समता से सहकर आत्मसाधना में ही उपयुक्त रहते हैं वे महात्मा धन्य हैं। ५-७८३, सहनशोल पुरुष ही जग का जेता हो सकता है,

Loading...

Page Navigation
1 ... 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334