Book Title: Arhat Dharm Prakash
Author(s): Kirtivijay Gani, Gyanchandra
Publisher: Aatmkamal Labdhisuri Jain Gyanmandir

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Page 78
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बताये । वहाँ ९ वर्ष की उम्र में मेरी मृत्यु हुई । उसके बाद इस घर में मेरा जन्म हुआ। द्वितीय जन्म की बात की सत्यता की जाँच के लिए ये लोग इस लड़को को आसाम ले जाने की तैयारी कर रहे हैं। रक्षाबंधन के दिन इस १० वर्ष की लड़की ने अपने पूर्व जन्म के सभी वयोवृद्ध भाइयों को राखी बाँधी । स्वर्णलता पूर्वजन्म के सुख-दुःख तथा खेल-कूद की भी बातें करती है । उसके पूर्व जन्म के वृद्ध भाई और युवक भतीजे उसकी बातें रस से सुनते हैं। विशेषज्ञों के कथनानुसार आत्मा अमर है और मनुष्य विभिन्न योनियों में जन्म लेते हैं। यह मान्यता इस लड़की के दो जन्मों से सिद्ध हो जाती है। अभी भी यह लड़की जबलपुर में है। इस जन्म की उसकी माता और छोटे भाई भी जबलपुर आ गये हैं। श्री मनोहरलाल मिश्र जहाँ उतरते थे, वहाँ इस लड़की को देखने के लिए प्रातः से सायं तक सैकड़ों लोगों की भीड़ लगी रहती है। -"जनशक्ति" २३-८-५६ रविवार [३] बरेली, यहाँ पुनर्जन्म में विश्वास न करनेवाले एक मुस्लिम परिवार में पुनर्जन्म की कहानी प्रत्यक्ष हो गयी । कहते हैं कि, एक मुस्लिम अध्यापक श्री हशमतउल्ला अन्सारी जब इकराम अली-नामक एक पुराने जमींदार के यहाँ पढ़ाने गये, तब उनके पंचवर्षीय पुत्र करीमउल्ला ने जमींदार के घर For Private And Personal Use Only

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