Book Title: Arhat Dharm Prakash
Author(s): Kirtivijay Gani, Gyanchandra
Publisher: Aatmkamal Labdhisuri Jain Gyanmandir

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Page 81
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( ६४ ) [ ६ ] उत्तरी- प्रदेश के एक ग्राम के बनिया की मुन्नी - नामक दो वर्ष की लड़की अपने पूर्व भवों की कथा बताती है । वह कहती है कि, वह पूर्व भव में उसी ग्राम के केशवदेव नामक ब्राह्मण की पुत्री थी और ११ वर्ष की उम्र में खाना बनाते समय साड़ी में आग लग जाने से मृत्यु को प्राप्त हुई थी । केशवदेव ने बात स्वीकार की । उससे पूर्व भव में वह अपने को मथुरा के एक चौबे परिवार की कन्या बताती है और उस भव के अपने पुत्र का नाम आदि भी सही-सही बताती है । -किस्मत दीपोत्सवी अंक : संवत् २०१६. [ ७ ] 'ब्राह्मणवाणी' नामक एक मासिक पत्र के सम्पादक गोस्वामी श्री ब्रह्मदत्त ने शिकारपुर के एक पाँच वर्ष के बच्चे की कथा की है जो अपने पूर्व भव की कथा बताता है । उस बच्चे की कथा प्रकाशित 'सन्मार्ग' में भी प्रकाशित हुई थी । ***** पुष्टि की काशी से - किस्मत दीपावली अंक : १६६० ई० For Private And Personal Use Only

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