Book Title: Ardhamagadhi kosha Part 4
Author(s): Ratnachandra Maharaj
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 16
________________ भत्तिजन.] ( १ ) [भह. जुत्त. त्रि० ( -युक्त ) मतिसहित भक्तिपूर्ण-युक्त. With devotion. प्रव. ३१० भत्तिज. पुं० ( भात्रीयक=भ्रातुरपत्यं भ्रात्रीयः | स एव ) लत्रीले; माना ही. भतीजा; भ्रातृव्य; भाईका पुत्र. A nephew. भग० १२, २; भत्तिमंत. त्रि० ( भक्तिमत् ) मतियाj. भक्ति मान भक्त. Devoted; devotee. भत्त० ७२ भत्तोस. पुं० न० ( भक्तोष ) शेसा , या कोरे. सिके हुए गेहुं चने आदि-धानी. Parched wheet or graros etc. प्रत. २१०; ४३६; पंचा० ५, २६; भत्थिय. त्रि० ( भमिक ) अनिया माणा माथु २j ते. अग्निमें जलाकर या बाल कर कियाजानेवाले भडीत-थ. Roasting in fire and pounding. सूय० १, ४, १, २१; भह. पुं० ( भद्र ) ३८या। भग; श्रेय. कल्याण; श्रेय; मंगल. Welfare. अोव० २२; नाया. १; पण्ह० २, १; सु० च. १, १०; कप्प० ५, १०५: भत्त० १७१; (૨) વૈયદિ ગુણ યુકત ભદ્ર જાતિનો ઉત્તમ हाथी. धैर्यादि गुणयुक्त भद्र जातिका श्रेष्ठ हाथी. An excellent elephautof the Bhadra class, possessed of merits such as courage etc. "मधु गुलिय पिंगल करवो। अणुपुष्व सुजाय दीहलंगूलो । पुरमो उदग्ग धीरो । सञ्चंग समाहिमो भद्दो ।" ठा० ४, २; (3) भारती यापासाना त्रीन मणव. भागामी चौबीसीके तीसरे बलदेव. The 3rd Baladeva of the comming chovisi. प्रव० १२२५; सम० ५० २४२; (४) मी, सातम अने] ५५१२स, ये तय तिथि; मतिथि. बीज, सप्तमी भौर बारस प्रादि तीन मनातिथि. The three dates of a lunar month vix. the 2nd, 7th and 12th. जं० प० ७, १५२; (५) मे नाभनु મહાશુક્ર દેવલોકનું એક વિમાન; તેની સ્થિતિ સોળ સાગરોપમની છે, તેના દેવે આઠ મહિને શ્વાસોચ્છવાસ લે છે, તેને સળ २ वर्षे क्षुधा सागे छे. महाशुक देवलोकका एक विमान; जिसकी स्थिति सोलह सागरोस्मकी है, उसके देव माठ महिनोंमें श्वासोच्छवास लेते है और उन्हें सोलह सहसा वर्षों में क्षुधा लगती है. A celestial abode of Mahāśukra Devloka, whose gods live for 16 Sāgaropamas, breathe once in eight months and feel hungry in 16000 years. सम० ४८; (6) वन. २५ति विशेष; ना मे Mत. वनस्पति विशेष; कंदकी एक जाति. A particular vegetation; a kind of bulbous root. जीवा० १; (७) सूर्यभद्र तया सूर्यः ६५ना हेवनानुं नाम. सूर्यभद्र तथा सूर्यद्वीपके देवताका नाम. Name of the god of Sūrya Bhadra and Sarya Dvipa. जीवा० ३, ४; (८) धनुष. धनुष. A bow. भग० ११, १; (4) म नाभनु मे त५. भद्र नामक एक तप. Anausterity named Bhadra. प्रव० १५४४; (१०) भापती योवीसीना भारतक्षेत्रमा योपीशमा तार्थ२. मागामी चौबीसेके भरतक्षेत्रके चौबीसों तीर्थकर. The 24th Tirthankara of Bharata kşetra to be born in the com. ing chauvisi. प्रव० ४७५, (११) सभूति वियना शिष्य. संभूति विजयके शिष्य. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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