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| आनन्द प्रवचन : बारहवाँ भाग |
0 प्रकाशक
श्री रत्न जैन पुस्तकालय बुरुडगांव रोड पो० अहमदनगर (महाराष्ट्र)
प्रथम बार : अक्टूबर १९८१ वि० सं० २०३८ आश्विन (विजयादशमी) वीर निर्वाण सं० २५०७
0 पृष्ठ ३७४
। प्रथम संस्करण
२२०० प्रतियाँ
1 मुद्रक श्रीचन्द सुराना के लिए जैन इलैक्ट्रिक प्रेस, आगरा-३
मूल्य-बीस रुपये मात्र
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