Book Title: Agamik Vyakhyao Jain History Series 3 Author(s): Mohanlal Mehta Publisher: 108 jain Tirth Darshan Trust View full book textPage 3
________________ 自 बा नर. वर्षाका नावि तासी दकि पटाकदिनी नाि कीमिया मा मिथिखास्वायायनिनाव मानि नानामिवाद्यत्र कालिनानार्मित मदन सन्यामाया नपातानन ज्यागामानिकाचा यच्चापिका कला नमय।। ३६ मिहागतः नयानिवाया घाताब समान माता दिखानागा दमक सेकसिमानानि यासह सासनीयवम समद विद तिमि फतालियाना स्वदीय मनावतानमिवामानश लिकोनिमालयिष्य श्रयानिमिनादिका vix.com or unustafatnam Parsonal Use Only नामयानामिवावभा मनिषा सुनानामका 7 फाल के वाद्यमानयना सम्मान रेजिना निका हम ॥ सवाजो नैविदसि मना नमामिक नाव कानोसा भित्रपि न्यकामिडियायन मिडलोय माममैवायमधिया। इ समासाद दादी नाराल तिमिनार अशा ५४ युद्धासि दादरमा मामीमपिवातच माथि पिसावानामतिमा कापा इमामवाल कामवनावाल गनामदद लालविरु अनाशनाय मानिस निरान्समि मापितान्यष्यसि वनिनाथ मानवताका का गमानविषयाPage Navigation
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