Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 12
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala
________________ प्रकाशकीय निवेदन अमारी ग्रन्थमाला तरफथी आ श्रीमदागमसुधासिन्धु बारमो विभाग मूल प्रगट करता आनंद अनुभवीए छीए. हालमा 45 आगम मूल अने केटलाक आगम टीका सहित प्रगट करवाचं काम शरू करता आ ग्रन्थ नागरी लिपिमां मोटा टाइपमा प्रगट करेल के. आ पहेला पहेलो, आठमो अने तेरमो अम विभाग प्रगट थई गया छे. आ ग्रन्थनु संशोधन संपादन हालारदेशोद्धारक कविरत्न स्व. पू. आचार्यदेव श्रीमद्-. विजयअमृतसूरीश्वरजी महाराजना शिष्यरत्न पू० पंन्यासश्री जिनेन्द्रविजयजी गणिवरे घणी खंत थी करेल छे. कागल छपाइ आदिना भाव वधवाने कारणे खर्च धार्या करतां वधु आवे छे. मोटा टाइपमा मुद्रित करता पेज वधारे थाय छे. परंतु टकवानी अने अभ्यासनी दृष्टिए अनुकुलता रहशे. आगम सूत्रोना अधिकारी योगवाही गुरूकुलवासी सुविहित मुनिओ छे. ए शास्त्रविधि मुजब पूज्य श्रमणसंघमां आगम वाचनादिमां अनुकुलता थाय ते रूप आ श्रुतभक्ति करतां अमे आनंद अनुभविए छीए. 45 मूल आगम 14 विभागमा प्रगट थशे. सटीक आगमोमां श्रीमदन्तकृद्दशा, श्रीमदन्तरोपपातिकदशा अने श्रीमदुपासकदशा सूत्र तैयार थइ गयो छे. मुद्रण माटे श्री गौतम आर्ट प्रिन्टर्सना व्यवस्थापको सारी खंत राखी के ते माटे तेमनो आभार मानी छी. वीर संवत् 2502 वि० स०२०३२ पोष सुद 10 सोमवार ता. 12-1-76 लि:नेमचंद वाघजी गुढका नवीनचंद्र बाबुलाल शाह
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