Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 11
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 3
________________ सादर समर्पणमहान तपोनिधि दादा पू. पंन्यास श्री मणिविजयजी गणिवरना शिष्यरत्न पूज्यपाद शासनशिरोमणि पंन्यास श्री बुद्धिविजयजी ( चुटेरायजी) गणिवरना शिष्यरत्न विद्वान् चारित्ररत्न पन्न्यास श्री आणंदविजयजी गणिवरना शिष्यरत्न बालब्रह्मचारी निस्पृहीशिरोरत्न मुनिमंडलाग्रेसर पूज्य मुनिराजश्री हर्षविजयजी महाराजाना शिष्यरत्न महानतपोनिधि पूज्य आचार्यदेव श्री विजय कर्पूरसूरीश्वरजी महाराजाना पट्टधर पूज्यपाद प्रशान्तमूर्ति प्रकृष्टवक्ता प्रवचनप्रभावक हालारदेशोद्धारक कविरत्न पू. आचार्यदेव श्री विजयामृतसूरीश्वरजी महाराज जेमोधीए श्री महावीर परमात्माना कल्याणकारी शासननो भव्यजोवोना हितने माटे प्रचार करता अनेक पुन्यात्माओने अरिहंतशासनना रागी बनावी मुक्तिमार्गना पथिक बनाया छे. ते साथे मने पण अशान अने मिथ्यात्वना घेरा बमळमाथी खेंची, संसार पारावार पार पमाडवा भव्य यानपात्र सम संयमधर्ममा स्थापन कयों अने मारी संयम साधनानी सफलता माटे अने सम्यग्ज्ञानादिना विकास माटे सतत हितचिता सेवी तेभोधीना ए महान उपकारोनी स्मतिमा यत्किंचित् कृतज्ञता रूपे तेोधीने श्री आगम सुधा सिन्धु अग्यारमा विभाग स्वरूप श्री कल्पसूत्र सादर वंदना साथे समर्पण करी कृतकृत्यता अनुभवू छु. गुरुवरणचञ्चरिक जिनेन्द्रविजय

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