Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 11
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 12
________________ कल्पसूत्र // 2 // समाए बहुविइकंताए सागरोवम-कोडाकोडीए बायालीसाए वाससहस्सेहिं ऊणिआए पंचहत्तरीए वासेहिं अद्धनवमेहि अ मासेहिं सेसेहिं / इक्कवीसाए तित्थयरेहिं इक्खागकुल-समुप्पन्नेहिं कासवगुत्तेहिं, दोहिअ / हरिवंसकुल-समुप्पन्नेहिं गोयमसगुत्तेहिं, तेवीसाए तित्थयरेहिं विइक्कं-M तेहिं समणे भगवं महावीरे चरमतित्थयरे पुव्वतित्थयर-निहिढे माहणकुण्डग्गामे नयरे उसभदत्तस्स माहणस्स कोडालसगुत्तस्स भारिआए / देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए पुव्वरत्ता-वरत्त-कालसमयसि // //

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