Book Title: Agam 42 Mool 03 Dashvaikalik Sutra
Author(s): Ramnibhushan Bhattacharya
Publisher: Parshwanath Jain Library Jaipur

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Page 200
________________ दश-वैकालिक-सूत्र। परिशिष्ट। रथनेमि ओ राजीमतीर उपाख्यान उग्रसेन नामे छिल राजा मिथिलाय । धारिणी ताहार राणी विख्यात धराय ।। कंस नामे एक पुत्र, कन्या राजीमती । प्रसव करेन राणी अति बुद्धिमती ।। अत्यन्त सुशीला छिल कन्या राजीमती । सुन्दरी परमा धन्या लक्ष्मीर मूरति ॥ यदुवंशे दशभ्राता छिल शौर्यापुरे। अतुल प्रतापशाली विख्यात समरे ॥ वसुदेव नामे छिल एक सहोदर । सकल कनिष्ट यिनि स्वधर्मतत्पर ।। रोहिणी देवकी छिल दुइ राणी तार। पति-सेवारता सदा अति शुद्धाचार ॥ • रोहिणी - पुत्रेर छिल वलभद्र नाम । केशव देवकीपुत्र छिल अभिराम ।।

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