Book Title: Agam 30 1 Gacchachar Sutra Hindi Anuwad
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Dipratnasagar, Deepratnasagar

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Page 11
________________ आगम सूत्र ३०/१,पयन्नासूत्र-७/१, 'गच्छाचार' सूत्र - ७९ शूल, विशूचिका आदि में से किसी भी विचित्र बीमारी पैदा होने से, जिस गच्छ में मुनि अग्नि आदि न जलाए, उसे गच्छ जानना चाहिए। सूत्र - ८० लेकिन अपवादपद में सारूपिक आदि या श्रावक आदि के पास यतना से वैसा करवाएं । सूत्र - ८१ पुष्प, बीज, त्वचा आदि अलग तरह के जीव का संघट्ट और परिताप आदि जिस गच्छ में मुनि से सहज भी न किया जाता हो उसे गच्छ मानना चाहिए। सूत्र-८२ और हाँसी, क्रीड़ा, कंदर्प, नास्तिकवाद, बेवक्त कपड़े धोना, वंडी, गड्ढा आदि ठेकना साधु श्रावक पर क्रोधादिक से लांघण करना, वस्त्र पात्रादि पर ममता और अवर्णवाद का उच्चारण आदि जिस गच्छ में न किया जाए उसे सम्यग् गच्छ मानना चाहिए। सूत्र -८३ जिस गच्छ के भीतर कारण उत्पन्न हो तो भी वस्त्रादिक का अन्तर करके स्त्री का हाथ आदि का स्पर्श द्रष्टिविष सर्प और ज्वलायमान अग्नि की तरह त्याग किया जाए उसे गच्छ मानना चाहिए। सूत्र - ८४ बालिका, बुढ़िया, पुत्री, पौत्री या भगिनी आदि के शरीर का स्पर्श थोड़ा भी जिस गच्छ में न किया जाए, हे गौतम ! वही गच्छ है। सूत्र-८५ साधु का वेश धारण करनेवाला, आचार्य आदि पदवी से युक्त ऐसा भी मुनि जो खुद स्त्री के हाथ का स्पर्श करे, तो हे गौतम ! जरुर वो गच्छ मूलगुण से भ्रष्ट चारित्रहीन है ऐसा जानना। सूत्र -८६ अपवाद पद से भी स्त्री के हाथ का स्पर्श आगम में निषेध किया है, लेकिन दीक्षा का अंत आदि हो ऐसा कार्य पैदा हो तो आगमोक्त विधि जाननेवाले स्पर्श करे उसे गच्छ मानना चाहिए। सूत्र-८७ __ अनेक विज्ञान आदि गुणयुक्त, लब्धिसम्पन्न और उत्तम कुल में पैदा होनेवाला मुनि यदि प्राणातिपात विरमण आदि मूल गुण रहित हो उसे गच्छ में से बाहर नीकाला जाए उसे गच्छ मानना चाहिए। सूत्र-८८ जिस गच्छ में सुवर्ण, चाँदी, धन, धान्य, काँसु, स्फटिक, बिस्तर आदि शयनीय, कुर्शी आदि आसन और सच्छिद्र चीज का उपभोग होता होसूत्र - ८९ और फिर जिस गच्छ में मुनि को उचित श्वेतवस्त्र छोड़कर लाल, हरे, पीले वस्त्र का इस्तमाल होता हो उस गच्छ में मर्यादा कहाँ से हो? सूत्र - ९० और फिर जिस गच्छ में किसी भी कारण से किसी गहस्थ का दिया दूसरों का भी सोना, चाँदी, अर्ध निमेषमात्र भी हाथ से न छूए । मुनि दीपरत्नसागर कृत् “(गच्छाचार)” आगम सूत्र-हिन्दी अनुवाद” Page 11

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