Book Title: Agam 30B Chanda Vezzayam Sattamam Painnayam Mulam PDF File Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar Publisher: Deepratnasagar View full book textPage 7
________________ [48] [49] [50] [51] [2] [54] सद्धागुणपरिपुन्नं विकारविरयं विनयमूलं / / कालन्नू देसन्नू समयन्नू सील-रूव-विणयन्नू / लोह-भय-मोहरहियं जियनिद-परीसहं चेव / / जइ वि सुयनाणकुसलो होइ नहरो हेउ-कारणविहन्नू / अविणीयं गारवियं न तं सुयहरा पसंसंति / / सीसं सुइमनुरत्तं निच्चं विणओवयारसंपन्नं / वाएज्ज व गुणजुतं पवयणसोहाकरं धीरं / / एतो जो परिहीणो गुणेहिं गुणसयनओववेएहिं / पुतं पि न वाएज्जा किं पुण सीसं गुणविहूणं / / एसा सीसपरिक्खा कहिया निउणेत्थ सत्थउवेइट्ठा / सीसो परिक्खयव्वो पारतं मग्गमाणेणं / / सीसाणं गुणकित्ती एसा मे वण्णिया समासेणं / विनयस्स निग्गहगुणे ओहियहियया निसामेह / / विनओ मोक्खदारं विनयं मा हू कयाइ छड्ढेज्जा | अप्पसुओ वि हु पुरिसो विणएण खवेइ कम्माइं / / जो अविणीयं विणएण जिणइ सीलेण जिणइ निस्सीलं / सो जिणइ तिण्णि लोए पावमपावेण सो जिणइ / / जइ वि सुयनाणकुसलो होइ नरो हेउ-कारणविहन्नू / अविणीयं गारवियं न तं स्यहरा पसंसति / / सुबहुस्सुयं पि पुरिसं पुरिसा अप्पस्सुयं ति ठावेंति / गुणहीण विनयहीणं चरित्तजोगेणं पासत्यं / / तव-नियम-सीलकलियं उज्जुत्तं नाण-दंसण-चरिते / अप्पस्सुयं पि पुरिसं बहुस्सुयपयम्मि ठावेंति / / सम्मत्तम्मि य नाणं आयत्तं दंसणं चरित्तम्मि / खंतिबलाओ य तवो, नियमविसेसो य विणयाओ / / सव्वे य तवविसेसा नियमविसेसा य गुणविसेसा य / नत्थि हु विणओ जेसिं मोक्खफलं निरत्ययं तेसि || [55] [56] [57] [58] [59] [60] [दीपरत्नसागर-संशोधितः ..... 'आगम सूत्र 302 चंदावेज्झयं' Page 7Page Navigation
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