Book Title: Agam 30B Chanda Vezzayam Sattamam Painnayam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
View full book text ________________ [129] [130] [131] [132] [133] [134] [135] विंधइ चंदगवेज्झं झायंतो अप्पणो सिक्खं / / जइ वि करेइ पमायं थेवं पि य अन्नचित्तदोसेणं / तह विय कयसंघाणो चंदगवेज्झं न विंधेइ / / तम्हा चंदगवेज्झस्स कारणा अप्पामाइणा निच्चं / अविरहियगुणो अप्पा कायव्वो मोक्खमग्गम्मि / / सम्मत्तलद्धबुद्धिस्स चरिमसमयम्मि वट्टमाणस्स आलोइय-निंदिय-गरहियस्स मरणं हवइ सुद्धं / / जे मे जाणंति जिना अवराहे नाण-दंसण-चरिते / ते सव्वे आलोए उठिओ सव्वभावेणं / / जो दोन्नि जीवसहिया रुंभइ संसारबंधणा पावा | रागं दोसं च तहा सो मरणे होइ कयजोगो / / जो तिण्णि जीवसहिया दंडा मण-वयण-कायगुतीओ | नाणंकुसेण गिण्हइ सो मरणे होइ कय जोगो || जो चत्तारि कसाए घोरे ससरीसंभवे निच्चं / जिनगरहिए निरंभइ जो मरणे होइ कयजोगो / / जो पंच इंदियाइं सन्नाणी विसयसंपलित्ताइं / नाणंकुसेण गिण्हइ सो मरणे होइ कयजोगी / / छज्जीवकायहियओ सत्तमयट्ठाण नविरहओ साह / एगंतमद्दवमओ सो मरणे होइ कयजोगो / / जेण जिया अट्ठमया गुत्तो चिय नवहिं बंभगुत्तीहिं / आउत्तो दसकज्जे सो मरणे होइ कयजोगो / / आसायणाविरहिओ आराहिंतो सुदुल्लहं मोक्खं / सुक्कज्झाणाभिमुहो सो मरणे होइ कयजोगो / / जो विसहइ बावीसं परीसहा दुस्सहा उवस्सग्गा / सुन्ने व आउले वा सो मरणे होइ कयजोगो / / धन्नाणं तु कसाया जगडिज्जंता वि परकसाएहिं / निच्छंति समुठेउं सुनिविट्ठो पंगुलो चेव / / [136] [137] [138] [139] [140] [141] [दीपरत्नसागर-संशोधितः ..... 'आगम सूत्र 302 चंदावेज्झयं' Page 13
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