Book Title: Agam 30B Chanda Vezzayam Sattamam Painnayam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 11
________________ [104] ते मरणम्मि उवग्गे न विसीयंती गुणसमिद्धा / / [102] सीयंति ते मणूसा सामण्णं दुल्लहं पि लक्ष्णं / जदोहऽप्पा न निउत्तो दुक्खविमोक्खम्मि मग्गंम्मि / / [103] दुक्खाण ते मणूसा पारं गच्छंति जे य दढधीया / भावेण अनन्नमणा पारत्तहियं गवेसंति / / मग्गंती परमसुहं ते पुरिसा जे खवंति उज्जुत्ता / कोहं मानं मायं लोभं अरनइं दुगुंठं च / / [105] लळूण विमाणुस्सं सुदुल्लहं जे पुणो विराहेति / ते भिन्नपोयसंजत्तिगा व पच्छा दुही होति / / [106] लळूण वि सामण्णं पुरिसा जोगेहिं जे न हायति / ते लद्धपोयसंजतिगा व पच्छा न सोयंती / / [107] न हु सुलहं माणुस्सं लक्षूण वि होइ दुल्लहा बोही / बोहीए वि य लंभे सामण्णं दुल्लहं होइ / / [108] सामण्णस्स वि लंभे नामाभिगमो उ दुल्लहो हवइ / नाणम्मि वि आगमिए चरित्तसोही हवइ दुक्खं / / [109] अत्थि पुण केइ पुरिसा सम्मत्तं नियमसो पसंसंति / केई चरित्तसोहिं नाणं च तहा पसंसति / / [110] सम्मत्त-चरिताणं दोण्ह पि समागयाण संताणं / किं तत्थ गेण्हियव्वं पुरिसेणं बुद्धिमंतेणं / / सम्मत्तं अचरित्तस्स हवइ जह कण्ह-सेणियाणं तु / जे पुण चरत्तमंता तेसिं नियमेण सम्मतं / / [112] भट्टेण चरित्ताओ सुट्ठयरं दंसणं गहेयव्वं / सिज्झंति चरणरहिया दंसणरहिया न सिज्झंति / / [113] उक्कोसचरित्तो वि य पडेइ मिच्छत्तभावओ कोइ / किं पुण सम्मदिट्ठी सरागधम्मम्मि वटतो / / [114] अविरहिया जस्स मई पंचहिं समिईहिं तिहिं वि गुत्तीहिं / न य कुणइ राग दोसे तस्स चरितं हवइ सुद्धं / / [दीपरत्नसागर-संशोधितः ..... 'आगम सूत्र 302 चंदावेज्झयं' Page 11

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