Book Title: Agam 22 Upang 11 Pushpachulika Sutra Puffachuliyao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
View full book text ________________
छेद-जभग
छेद (छिन् ) छेदेइ उ ३१८३ छेदेहिइ उ ५१४३ छेदित्ता (छित्त्वा ) उ २११२३|१४ छेत्ता ( छित्त्वा ) उ३१८३
छेदोवट्ठावणिय ( छेदोपस्थापनीय ) प १।१२४, १२६
छेदोवावणियचरित्परिणाम (दोपस्थानीय चरित्रपरिणाम ) प १३।१२
छेय (छेद) ज २।३६,४१,६०; ३११७८,५१५. छेय ( छिन् ) एइ ४१३६ छेयणगदाइ (छेदकदायिन् ) प १२१३२ छेरमाण (रिव्यमान ) उ ३ । १३०
छेलिय (दे० ) ज ३।३१
छेवट्ट ( सेवार्त ) प २३१४५,६६,१०४, १०७.१०६.
११०
छो ( faar) सू ३
ज
ज (यत्) प १४ ज ११६ ११४ उ ११२, ३१३१; ५।३६
जद (यदा ) प २२
जद (यदि ) प २२६४।१६ सू १।१३ उ ११६;
२०१, ३०१,४११; ५११
जइ ( यत्र ) प २३|१६०
जण (जविन्) ज २६०, ३१२६,३५,३६,४७,६४, ७२,१०६,११३,१३८, १४५, ५३५,२८, ४४, ४७,
६७ ७ १७८
जइया ( यावत् ) ज ७ । १३१ जंगम ( जङ्गम ) ज ३।१०६
जंगल ( जङ्गल ) प ११६३१२
जंघा (घा) ज २११५ उ ३१११४
जंत (यंत्र ) १ २ ३०,३१,४१ ज ३१३२,३६,१०६,
११६,१७८,४१२७:५२८
जंतु ( जन्तु) ज २१४|१
जंपमाण ( जल्पत्) ३१८१
जंबु ( जन्तु, जम्बू ) प १।३५।१।१३१ उ ११३ से
१. हे० ४।१४३ क्षिप् - छह
Jain Education International
५, ७, ९, १४२, १४४,२२,४,१४,१६,२१,३२, ४,१६,२१,२२,२४,८७,८६,१५३, १५५, १६६, १६८,१७०,४२,४,२७,५१२,४,४४
जंबुद्दीव ( जम्बुद्वीप ) प २१३२,३३,३५,३६,४३,५०, ५१:१५।५४,५५११:१६ ३०, ३६८१ ज ११७, १५,१६,१७१,१८,२०,२३,३४,३५,४६,४८, ५१,२१,७,१६,५२,५६,६०,१६१,१६४; ३।२६, ३६,४७,५६,११३,१३३,१३८, १४५,४।१,६, ५२,५५,६२,८१,८६,६८,११४, १५६,१६०, १६५,१६७,१६६,१७२ से १७४, १७८, १८१, १५२,२०१ से २०३, २०६, २१३,२६२,२६५, २६८,२७१, २७४, २७७, ५१३,२२,२६,६११, ५, ७ से २६,७९,४,५ से १४,३१,३३,३६ से ३६, ५२,५४,६२६३,६७ से ७२,८६,८७,६१,६२, १०१,१०२,१७५, १८२,१६८ से २०८,२१० से २१३ १ १४,१६,१७,१६,२१,२२,२४, २७,२११,३;३११,२, ४१३, ४, ७, १०,६१६८१; १०।१३२,१४२,१४७, १२१३०; १८७, २०१ १६।१,२,१६१२२/२३ उ ११६,३७,६१,१२५, १५७५।२४,४३
६०६
जंबुद्दीवपण्णत्ति (जम्बूद्वीपज्ञप्ति ) ज ७ १०१, १०२,
२१४३।१
जंबू (जम्बू) ज ४।१४६ से १५० १५१।१, २, १५.२ से १५४,१५६,१५७ २,१५८, १५६,२०८; ७/२१३
जंबूणय ( जाम्बूनद ) ज ३।३०,३५
जंबू थामय ( जाम्बूनदमय) ज १५१४१७, १३, ११८, १४३,२५६
जंबूपेढ ( जम्बूपीठ) ज ४। १४३ से १४५ जंबूफल ( जम्बूफल ) प १७ १२३
जंबूफलकालिया ( जम्बूफलकालिका) प १७११३४
जंबूरुष ( जंवरूक्ष ) ज ७।२१३
जंबूवण ( जम्बूवन ) ज ७।२१३ जंबूवणसंड (जम्वूवन षण्ड ) ज ७।२१३ जंभग (जृम्भक ) ज ५६६
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390